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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Politics In Pakistan : जैसा की आप जानते ही है कि इन दिनों पाकिस्तान की राजनीति में उथलपुथल चल रही है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर भी वे काफी चर्चा में रहे। अब इमरान खान अमेरिका पर आरोप लगा रहे हैं कि जो बाइडेन सरकार उन्हें सत्ता से बेदखल करना चाहती है।
वह अमेरिका पर पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति में दखल देने का भी इमरान ने आरोप लगाया हैं। वहीं पाकिस्तान की सेना दोबारा से अमेरिका के साथ अच्छे संबंध बनाने का प्रयास कर रही है। हाल ही में पाक सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा है कि पाकिस्तान अमेरिका के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना चाहता है।
एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान सेना देश को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने के लिए पश्चिमी देशों से सहयोग मांग रही है। बता दें कि पश्चिमी देश पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन के कारण उपकरणों की आपूर्ति से इनकार कर रही है।
अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों द्वारा पाकिस्तान को डिफेंस टेक्नोलाजी नहीं दिए जाने से पाकिस्तान के रक्षा तैयारियों पर असर पड़ा है। पाकिस्तान की नौसेना के लिए पनडुब्बियों को एयर-इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन के साथ अपग्रेड करने से इनकार करना और मिराज फाइटर जेट्स के बेड़े को पाकिस्तान वायु सेना के साथ अपग्रेड करना आदि से मना कर दिया है। बता दें कि जर्मनी ने भी 2020 में पाकिस्तान की पनडुब्बियों को अपग्रेड करने से इनकार कर दिया था।
चीन और पाकिस्तान के सुरक्षा सहयोग और आगामी संबंधों के बारे में जनरल बाजवा ने बताया कि पाकिस्तान कैंप पालिटिक्स को नहीं देख रहा है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान और चीन के संबंध ऐतिहासिक तौर पर अच्छे रहे हैं।
हमारी सेना काफी हद तक अमेरिका द्वारा निर्मित और प्रशिक्षित है। हमारे सबसे बेहतर इक्विपमेंट अमेरिकी इक्विपमेंट हैं। पश्चिमी देशों द्वारा इक्विपमेंट्स से मना करने के कारण चीन और पाकिस्तान के बीच सैन्य सहयोग बढ़ रहा था।
अगर पश्चिम को लगता है कि पाकिस्तान में चीनी प्रभाव बहुत अधिक है तो इसका मुकाबला करने का एकमात्र तरीका पाकिस्तान में निवेश करना है। Politics In Pakistan
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