संबंधित खबरें
'ये पंजाबियों का …' BJP के आरोपों पर पंजाब सीएम ने किया पलटवार, बोला तीखा हमला
'हिन्दू-मुसलमान पर वोट…', कांग्रेस नेता ने दिया बड़ा बयान, बीजेपी पर साधा निशाना
इस दिन से आम लोगों के लिए खुल जाएगा राष्ट्रपति भवन का अमृत उद्यान, ये है पूरा शेड्यूल
अब आतिशी के निशाने पर आए रमेश बिधूड़ी के भतीजे, चुनाव आयोग को लिखा लेटर , लगाया ये बड़ा आरोप
व्हाट्सऐप से चला रहे थे देह व्यापार का धंधा, एक रात के 5000 वसूलते’; वैशाली में 4 महिलाओं के चौंकाने वाले खुलासे
दिल्ली चुनाव से पहले समर्थकों के साथ AAP में शामिल समाजसेवी महावीर बसोया, क्या इस सीट से मिलेगा फायदा ?
India News (इंडिया न्यूज),SC News: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) को एमसीडी स्थायी समिति के छठे सदस्य के चुनाव में हस्तक्षेप को लेकर कड़ा संदेश दिया है। कोर्ट ने इस मामले पर उपराज्यपाल से सवाल किया कि किस अधिकार के तहत उन्होंने चुनाव प्रक्रिया में दखल दिया। कोर्ट ने यह भी पूछा कि यदि इस तरह का हस्तक्षेप होता रहा तो लोकतंत्र का क्या होगा? न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने एलजी ऑफिस को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
एमसीडी मेयर शैली ओबरॉय की याचिका पर सुनवाई करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने एलजी के हस्तक्षेप को असंवैधानिक और डीएमसी एक्ट का उल्लंघन बताया। ओबरॉय ने उपराज्यपाल के इस कदम को चुनौती देते हुए इसे गैर-लोकतांत्रिक और कानून विरोधी बताया है। कोर्ट ने भी इस दलील पर संज्ञान लेते हुए कहा कि मेयर का चुनावी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका होती है, और उपराज्यपाल का इसमें हस्तक्षेप सवाल खड़े करता है।
अदालत ने पूछा कि आखिर इतनी जल्दबाजी में चुनाव कराने की क्या जरूरत थी, खासकर जब मेयर अनुपस्थित थीं। कोर्ट ने उपराज्यपाल द्वारा डीएमसी एक्ट की धारा 487 के इस्तेमाल पर भी आपत्ति जताई, जो कि एक कार्यकारी शक्ति है। अदालत ने स्पष्ट किया कि इस धारा का उपयोग विधायी कार्यों में हस्तक्षेप के लिए नहीं किया जा सकता।
इस मामले में उपराज्यपाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय जैन ने तर्क दिया कि मेयर ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 128 का उल्लंघन किया है। हालांकि, कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि इस तर्क के बावजूद एलजी के कार्यों की जांच की आवश्यकता बनी रहती है। यह विवाद 27 सितंबर को हुए स्थायी समिति के चुनाव से जुड़ा है, जिसमें बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। मेयर शैली ओबरॉय ने याचिका में यह भी कहा कि एमसीडी की बैठक बुलाने का अधिकार केवल मेयर के पास है, न कि निगम आयुक्त या उपराज्यपाल के पास।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.