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There is No Hope of Breath in Delhi till Diwali : सर्दी शुरू होते ही दिल्ली में पर्यावरण ने डराना शुरू कर दिया है। कोहरा बढ़ने और प्रदूषण के आंकड़े सामने आने शुरू हो गए हैं। इन आंकड़ों पर भरोसा किया जाए तो आने वाले दिनों में सांस की आस करना बेमानी होगी। मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगले दो से तीन दिनों तक दिल्ली की हवा की गुणवत्ता और खराब रह सकती है।
वैज्ञानिको के अनुसार 4 नवंबर तक दिल्ली का एक्यूआई यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक और बिगड़ सकता है। इसके बाद भी इसमें गिरावट जारी रहेगी। 5-6 नवंबर तक दिल्ली का अदक ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहने का अनुमान है। मौसम विभाग के मुताबिक, इस दौरान दिल्ली का न्यूनतम तापमान 13 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है।
गौरतलब है कि प्रचलित ही है कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने के कारण यहां की वायु गुणवत्ता बेहद खराबह्ण श्रेणी में पहुंच गई है। जबकि सोमवार सुबह दिल्ली के कुछ इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब श्रेणी में था।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के लोनी में एक्यूआई 400 के पार दर्ज किया गया था। इसके अलावा नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी हालात खराब हैं। हालांकि शाम होते-होते कुछ सुधार हुआ है, लेकिन यह अभी भी खराब श्रेणी में बना हुआ है।
शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा, 51 और 100 के बीच संतोषजनक, 101 और 200 के बीच मध्यम, 201 और 300 के बीच खराब, 301 और 400 के बीच बहुत खराब तो 401 और 500 के बीच गंभीर माना जाता है।
वायु प्रदूषण वैसे तो हर किसी की सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक है। लेकिन इसका खतरा बुजुर्गों, अस्थमा और दिल के पेशेंट्स के लिए और भी ज्यादा बढ़ जाता है। दरअसल जो हवा सांस के जरिये हमारे शरीर में पहुंचती है वो कारखानों, बिजली संयंत्रों, जलते कोयले, लकड़ी और वाहनों से निकलने वाले हानिकारक प्रदूषकों से दूषित होती है। इसकी वजह से सेहत को कई तरह की दिक्कतें और बीमारियां होने का खतरा काफी बढ़ जाता है।
There is No Hope of Breath in Delhi till Diwali
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