संबंधित खबरें
पितरों का होता है वास, भूलकर भी कभी न लगाए इस पेड़ को अपने घर के बाहर…कंगाली से लेकर मौत तक को देता है दस्तक
मक्का से छीन ली नागरिकता फिर सात आसमानों की सैर…आखिर कैसे किया होगा पैगंबर मोहम्मद साहब ने मेराज का वो सफर तय?
किस हाथ में खुजली होने से जीवन में होती है धन की वर्षा? कैसे करें सही पहचान!
महाभारत में कौन था वो महागुनि योद्धा जिसकी परीक्षा लेने के लिए शिव जी को धरना पड़ा शिकारी का रूप, दी थी ऐसी चुनौती कि…?
कौन बना था महादेव और श्रीकृष्ण के बीच भयंकर युद्ध की वजह? कौन थी वो प्रबल स्त्री जिसने रुकवाया था ये महायुद्ध
सुंदरकांड का नाम कैसे पड़ा 'सुंदर'? हनुमान जी नहीं माता सीता से है खूबसूरत कनेक्शन
Kashi Varanasi: वाराणसी, जिसे हम काशी या बनारस के नाम से भी जानते हैं, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। इस पवित्र नगरी को मोक्ष प्राप्ति का केंद्र माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने स्वयं इस शहर की स्थापना की थी, और यह महादेव के त्रिशूल पर टिका हुआ है। यह नगरी केवल एक शहर नहीं, बल्कि अध्यात्म और मुक्ति का द्वार है।
माना जाता है कि काशी में प्राण त्यागने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहां गंगा के तट पर अंतिम संस्कार करवाने से आत्मा को जीवन-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है।
ऐसा विश्वास है कि काशी की यात्रा करने और गंगा स्नान से मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं। यहां आने वाले भक्तों की यह अंतिम इच्छा होती है कि वे यहीं अंतिम सांस लें।
पूरे 9 साल के बाद इन 5 राशियों पर शांत हुआ मां काली का गुस्सा, अब जिंदगी में दिखेंगे दो बड़े बदलाव
काशी की पवित्रता से जुड़ी कुछ धार्मिक मान्यताएं भी हैं, जिनके अनुसार दो चीजों को इस नगरी से बाहर नहीं ले जाना चाहिए:
गंगा जल को घर लाना शुभ माना जाता है, लेकिन काशी से गंगा जल ले जाने की मान्यता भिन्न है। ऐसा माना जाता है कि गंगा जल में मौजूद जीव-जंतु, जिवाणु, या विषाणु मोक्ष की प्राप्ति के लिए काशी में ही रहना चाहिए। अगर आप इसे काशी से बाहर ले जाते हैं, तो उन सूक्ष्म जीवों को मोक्ष से वंचित कर देते हैं, जो महापाप माना जाता है।
गंगा की मिट्टी को भी घर नहीं ले जाना चाहिए। मान्यता है कि इस मिट्टी में भी कई सूक्ष्म जीव होते हैं, जो मोक्ष प्राप्ति के लिए इस पावन भूमि में रहते हैं। यदि आप उन्हें वहां से दूर ले जाते हैं, तो उनकी मुक्ति में बाधा उत्पन्न होती है।
काशी की यह मान्यता जीवों के सम्मान और उनकी मुक्ति पर आधारित है। यहां हर जीव, चाहे वह कितना ही सूक्ष्म क्यों न हो, मोक्ष के अधिकार से वंचित न हो।
धार्मिक विश्वास के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति इन जीवों को काशी से बाहर ले जाता है, तो वह स्वयं पाप का भागी बनता है।
महाभारत युद्ध के बाद तबाह होने वाला था भारत, नहीं बचता एक भी आदमी, जानें 18 दिनों तक ऐसा क्या हुआ?
इन मान्यताओं का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं को काशी की पवित्रता और वहां मौजूद हर तत्व के महत्व को समझाना है। हालांकि, यह धार्मिक विश्वास हैं, और इन्हें व्यक्तिगत आस्था के अनुसार अपनाना चाहिए।
नोट: यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। इसे केवल जानकारी के उद्देश्य से साझा किया गया है। किसी भी प्रकार की आधिकारिक पुष्टि का दावा नहीं किया जाता।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.