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India News (इंडिया न्यूज़), Chitrakoot Crowd: धर्मनगरी चित्रकूट चित्रकूट प्रभु श्री राम की तपोस्थली के रूप में मानी जाती है। यहां के महत्वपूर्ण धार्मिक अवसरों में आषाढ़ मास की अमावस्या का दिन विशेष महत्व रखता है, जिस पर लाखों श्रद्धालुओं द्वारा मंदाकनी नदी में स्नान के साथ-साथ कामतानाथ मंदिर में दर्शन-पूजन और कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा की जाती है।
इस वर्ष भी अमावस्या के अवसर पर लगभग 5 लाख श्रद्धालुओं की उम्मीद थी, जिसके अनुसार प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था में पूरी तरह से पुख्ता इंतजाम किया था। यूपी और एमपी के प्रशासन ने हाथरस के घटना को देखते हुए खास ध्यान दिया था, ताकि इस धार्मिक समारोह में किसी भी प्रकार की अनियमितता या सुरक्षा संकट से बचा जा सके।
इसी प्रकार की वृत्तियों में, श्रद्धालु अब चित्रकूट पहुंचकर अपने धार्मिक कर्तव्यों को निभा रहे हैं, जिसमें ध्यान, पूजन, और समर्पण की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
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आषाढ़ मास की अमावस्या को विशेष महत्व दिया जाता है, जब लाखों लोग चित्रकूट आकर भगवान कामतानाथ के मंदिर में अपनी फसलों के लिए भले की कामना करते हैं। इस दिन किसान भाइयों का विशेष मान्यता है कि वे भगवान कामतानाथ के दर्शन के साथ-साथ मंदाकिनी नदी में स्नान करके अपनी खेती की मिट्टी लेकर अपने खेतों में हल चलाते हैं। यह कार्यक्रम उनकी आने वाली फसल की उत्तम पैदावार के लिए शुभ माना जाता है।
इस अवसर पर आज भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु चित्रकूट आए हुए हैं। वे मंदाकिनी नदी में स्नान करते हुए अपने कर्मों को शुद्धि देने के साथ-साथ कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा भी कर रहे हैं। यह समारोह धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, जो लोगों को अपनी धार्मिक और कृषि संबंधी ज़िम्मेदारियों के प्रति सजग और समर्पित बनाता है।
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5 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन कर लिया है और लगातार उनकी संख्या बढ़ती जा रही है। प्रशासन ने यूपी और एमपी के अधिकारियों के साथ बैठक करके पहले से ही एक रणनीति बना ली थी, जिसके तहत सुरक्षा व्यवस्था के बीच श्रद्धालुओं को दर्शन पूजन कराया जा रहा है।
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