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एक ऐसा मंदिर जहां माता करती है भक्तों से बात, खुद देती है प्रसाद – IndiaNews

BY: Simran Singh • LAST UPDATED : June 29, 2024, 7:10 am IST
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एक ऐसा मंदिर जहां माता करती है भक्तों से बात, खुद देती है प्रसाद – IndiaNews

Achrumata Mandir

India News (इंडिया न्यूज़), Achrumata Mandirमध्य प्रदेश की निवाड़ी का एक ऐसा मंदिर जहां मां कुंड से भक्तों की मनोकामना पूरी करती है और उन्हें आशीर्वाद देती है। बता दे की मां का यह मंदिर निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मडिया में आता है। जिसका नाम अछूरू माता का मंदिर है। जहां पर माता कुंड से आने वाले हर भक्त के साथ वार्तालाप करती हैं और उनकी फरियाद सुनती है। मां भक्तों के प्रश्नों के उत्तर भी देती है और उन्हें आशीर्वाद के रूप में प्रसाद भी देती है। वही माता रानी आपके कार्य के बारे में हर एक चीज भी बताती है।

  • माता करती है भक्तों से बात
  • देती है सभी को प्रसाद

मनोकामना पूरी होने से पहले मिलता है प्रसाद

मां अछूरू के दरबार में हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु अपनी हाजिरी लगाने आते हैं। वह मां को अपनी फरियाद सुनते हैं, उनसे अपने कार्यों की पूरे होने की मनोकामना भी मांगते हैं। वही मां अपने भक्तों को मनोकामना पूरी होने के रूप में प्रसाद देती है।

बता दे की मां अपने अद्भुत कुंड से भक्तों को प्रसाद के रूप में नींबू, दाख, गरी, फूल, जलेबी, दही, चिरौंजी जैसे प्रसाद देती है। भक्तों का ऐसा मानना भी है की मां कुंड से यह सब कुछ अपने भक्तों को प्रसाद की रूप में प्रदान करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि जिस भी भक्त की मनोकामना पूरी होती है, उसे प्रसाद प्रदान किया जाता है। Achrumata Mandir

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यह है लोगों की मान्यता

अछूरू माता का मंदिर उन मंदिरों में से एक है। जहां पर हजारों की संख्या में रोज श्रद्धालु आते हैं, मन से आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए आराधना करते हैं, स्थान पर मां के उदय की कहानी भी प्रज्वलित है, कहा जाता है कि लगभग 500 साल पहले एक चरवाहा जिसका नाम अछूरू था वह यादव जाति से था। जो कि अपनी भैंस जंगल में चल रहा था। इस दौरान इस घने जंगल में चरवाहे की भैंस गुम हो गई, कई दिनों तक चरवाहे ने घने जंगल के अंदर अपनी भैंस को खोज दिन दोपहर में थककर वह हार गया। चरवाहा आसपास कोई जल सूत्र ढूंढ रहा था, जहां उसे पहाड़ के पास एक वृक्ष के नीचे छाया देखी।

तो वहां बैठ गया इस दौरान माता ने उसे कुंड से निकालकर उन्हें दर्शन दिए कुंड से जल ग्रहण करने के बाद चरवाहे ने माता को अपनी भैंसों की जानकारी दी। जानकारी में कुंड में पानी पीने के बाद चरवाहे ने अपनी लाठी कुंड में डाली तो वह अंदर चली गई माता ने जिस स्थान पर उसके वैसे होने की बात बताई थी उसी स्थान पर उसे लाठी और भैंस मिली। आश्चर्य के साथ वह वापस रोजाना माता की पूजा करने के लिए वहां जाने लगा। धीरे-धीरे बाद आसपास फैल गई और लोग अपनी मनोकामना के लिए माता के पास आने लगे।

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मंदिर में होता है चमत्कार Achrumata Mandir

चमत्कार की बात करें तो मां विनती करने वालों को जवाब देती है। यह बात सुनने के बाद यह जगह सभी जगह पर प्रचलित हुई और श्रद्धालु अपनी मनोकामना और माता से बात करने के लिए यहां आने लगी लोग कहते हैं कि वह माता से मनोकामना करने की अर्जी लगाते हैं और मां भी भक्तों को कुंड से जवाब देती है। श्रद्धालुओं का मानना है की मां का अद्भुत दरबार है यह स्थान जहां पर पहाड़ों पर स्थित है लेकिन कुंड तब भी हमेशा पानी से भरा रहता है।

कई बार तो आसपास के गांव में सूखा पड़ जाता है पानी की कमी हो जाती है लेकिन तब भी इस कुंड का पानी खत्म नहीं होता। पहाड़ पर स्थान होने के बावजूद भी कुंड पानी से काम नहीं होता है। लोगों का कहना है की मां दिव्या आपदाओं का भी संकेत देती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस कुंड में जल कहां से आता है आज तक किसी का पता नहीं चला है। वही इस कुंड के माध्यम से ही माता भक्तों को प्रसाद देती है। वह भी आज तक पता नहीं चला कि इसमें वह चीज कहां से आती है।

पृथ्वी का मध्य स्थल है यह स्थान Achrumata Mandir

मान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि आज अछूरू माता का मंदिर पृथ्वी के मध्य स्थान में है। किस्से की बात करें तो कहा जाता है कि जब दक्ष प्रजापति ने अपने यज्ञ किया था और शिवजी का अपमान किया था उसे वक्त मां पार्वती की आंखों से आंसू आ गए और वही स्थान यह है जहां पर मां के आंसू गिरे थे। उन्होंने बताया कि यह स्थान पृथ्वी का मध्य स्थल है इस दौरान उन्होंने कई माता से जुड़ी चमत्कारों को देखा है। Achrumata Mandir

एक और किस्सा है जिसमें कहा जाता है कि एक बार इस मंदिर के आसपास की सफाई की जा रही थी। वहीं कुछ लोगों ने मंदिर के आसपास खरीदते हुए लोहे की चीज से सफाई करने की कोशिश की लेकिन अचानक से पानी का रंग खून लाल के रंग में बदल गया। आखिर में बता दे की हर नवरात्रि पर यहां का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि सभी माता के मंदिर की तरह इसे भी पूरी श्रद्धापूर्वक पूजा जाता है। Achrumata Mandir

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