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India News (इंडिया न्यूज), IPS DK Pandey: भगवान कृष्ण के अनेक भक्तों की कहानियाँ आपने सुनी और देखी होंगी, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी अनोखी कहानी बताने जा रहे हैं, जिस पर आपको शायद यकीन न हो. यह कहानी उत्तर प्रदेश पुलिस के एक उच्च अधिकारी की है, जो पद पर रहते हुए भगवान कृष्ण की राधा बन गया। हम बात कर रहे हैं आईपीएस अधिकारी डीके पांडा की। डीके पांडा, जो यूपी पुलिस में आईजी के पद पर थे, उन्होंने एक दिन अचानक से सोलह श्रृंगार करके ऑफिस जाना शुरू कर दिया। यह घटना न केवल उनके सहकर्मियों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए हैरान करने वाली थी। डीके पांडा का दावा था कि भगवान कृष्ण ने उन्हें राधा के रूप में स्वीकार किया है और वे उनके प्रति अपनी भक्ति को इस प्रकार प्रकट कर रहे हैं।
पांडा का यह परिवर्तन उनके व्यक्तिगत जीवन में गहराई से जुड़ा हुआ था। उनके अनुसार, भगवान कृष्ण के प्रति उनकी असीम भक्ति ने उन्हें इस स्थिति में पहुँचाया। सोलह श्रृंगार करना और राधा की भांति सजना उनके लिए एक धार्मिक अनुष्ठान बन गया था। उनका यह रूप देखकर लोग दंग रह जाते थे, परंतु पांडा अपनी भक्ति में पूरी तरह लीन थे।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि भक्ति का मार्ग व्यक्ति को किस प्रकार से बदल सकता है और किस हद तक वह अपनी श्रद्धा को व्यक्त कर सकता है। डीके पांडा की यह अनोखी कहानी उनके भक्ति और विश्वास की एक मिसाल है, जो यह दर्शाती है कि सच्ची भक्ति किसी भी सीमा को पार कर सकती है।
उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व आईजी डीके पांडा, जिन्हें देवेंद्र किशोर पांडा के नाम से भी जाना जाता है, मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले हैं। 1971 बैच के आईपीएस अधिकारी डीके पांडा ने 2005 में तब सुर्खियां बटोरीं जब उन्होंने खुद को भगवान कृष्ण की दूसरी राधा घोषित कर दिया। उन्होंने न केवल कृष्ण की प्रेमिका होने का दावा किया बल्कि अपने महिला होने की भी घोषणा कर दी। उनके इस कदम ने यूपी पुलिस को काफी विवादों में डाल दिया और पांडा की यह अनोखी भक्ति चर्चा का विषय बन गई।
रिपोर्ट्स के अनुसार, आईपीएस डीके पांडा ने बताया था कि वे 1991 में ही राधा बन गए थे। उन्हें एक दिन भगवान कृष्ण ने सपने में आकर कहा था कि वे पांडा नहीं बल्कि उनकी राधा और प्रेमिका हैं। डीके पांडा ने 1991 से 2005 तक अपना यह रूप छिपाए रखा और चोरी-छिपे राधा बनते थे। लेकिन 2005 में उनका यह रूप सार्वजनिक हो गया, जिससे वे सुर्खियों में आ गए।
उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व आईजी डीके पांडा पद पर रहते हुए एक नवविवाहिता की तरह 16 श्रृंगार किया करते थे। वे मांग में सिंदूर, माथे पर बिंदी, हाथों में मेहंदी और चूड़ियां, कानों में बालियां, नाक में नथ, पीला सलवार कुर्ता, और पैरों में घुंघरू पहनते थे। उनका यह अनोखा रूप लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया था।
आईजी डीके पांडा का कृष्ण प्रेम समय के साथ बढ़ता गया और एक वक्त ऐसा आया कि वे ड्यूटी के समय भी पुलिस की वर्दी के साथ 16 श्रृंगार करने लगे। इसके चलते जब यूपी पुलिस की टीम कहीं जाती, तो लोग मजाक उड़ाते हुए कहते कि “राधाएं आ रही हैं”। यूपी पुलिस और सरकार की इतनी किरकिरी हुई कि उन्हें 2005 में ही वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लेना पड़ा, जबकि उन्हें 2007 में रिटायर होना था।
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