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India News (इंडिया न्यूज़), Guru Purnima 2024: हर साल आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा मनाया जाता है। इस साल आषाढ़ पूर्णिमा की तिथि 20 जुलाई से शुरू होकर 21 जुलाई को समाप्त हो रही है। ऐसे में लोग गुरु पूर्णिमा की सही तिथि को लेकर सभी असमंजस में हैं। क्या गुरु पूर्णिमा 20 जुलाई को मनाई जाएगी या 21 जुलाई को साथ ही आषाढ़ पूर्णिमा का स्नान-दान और व्रत किस दिन करना चाहिए। आइए जानते हैं कि गुरु पूर्णिमा की सही तिथि और स्नान-दान का शुभ मुहूर्त क्या है।
गुरु पूर्णिमा 2024 तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई को शाम 5:59 बजे से शुरू होकर अगले दिन यानी 21 जुलाई को दोपहर 03:46 बजे समाप्त होगी। जिस तिथि को सूर्योदय होता है वही तिथि मान्य होती है। आषाढ़ पूर्णिमा तिथि में सूर्योदय 21 जुलाई को सुबह 05:37 बजे होगा। ऐसे में गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को मनाई जाएगी और 20 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा।
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गुरु पूर्णिमा पर आषाढ़ पूर्णिमा स्नान और दान
आषाढ़ पूर्णिमा स्नान और दान गुरु पूर्णिमा के दिन ही किया जाएगा। 20 जुलाई को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 04:14 से 04:54 बजे के बीच स्नान कर सकते हैं। अगर आप इस समय स्नान नहीं कर पाते हैं तो सूर्योदय के बाद भी कर सकते हैं। इसके बाद अपनी क्षमता के अनुसार चंद्रमा से संबंधित वस्तुओं का दान करें। हालांकि आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत एक दिन पहले यानी 20 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा।
गुरु पूर्णिमा 2024 शुभ मुहूर्त
गुरु पूर्णिमा का शुभ समय दोपहर 12:00 बजे से 12:55 बजे तक है।
विजय मुहूर्त दोपहर 02:44 बजे से 03:39 बजे तक है।
इसका अमृत काल शाम 06:15 बजे से 07:45 बजे तक है।
गुरु पूर्णिमा पर करें ये उपाय
1. गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान और पूजा के बाद अपने गुरु के पास जाएं और उन्हें अपने घर आमंत्रित करें। उनका सम्मान करें और उनके पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें। फिर उन्हें भोजन कराएं और उपहार देने के बाद खुशी-खुशी उनको विदा करें। गुरु पूर्णिमा के दिन ऐसा करने से आपको हर क्षेत्र में तरक्की मिलती है, क्योंकि गुरु की सेवा करने से कुंडली का गुरु दोष दूर होता है। कहा जाता है कि गुरु की कृपा के बिना ज्ञान और मोक्ष दोनों की प्राप्ति नहीं हो सकती।
2. गुरु पूर्णिमा के दिन किसी गरीब ब्राह्मण को पीले कपड़े, हल्दी, पीतल के बर्तन, गुड़, घी, पीले चावल आदि दान करें। इस दिन देव गुरु बृहस्पति की पूजा करने से भी सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
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