होम / Basant Panchami 2024: इस दिन मनाई जाएगी बसंत पंचमी, जानिए शुभ मुहूर्त के साथ पूजा विधि और महत्व

Basant Panchami 2024: इस दिन मनाई जाएगी बसंत पंचमी, जानिए शुभ मुहूर्त के साथ पूजा विधि और महत्व

Rajesh kumar • LAST UPDATED : February 7, 2024, 1:03 pm IST

India News (इंडिया न्यूज),Basant Panchami 2024: हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का अपना ही महत्व है। हर साल बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की विधिवत पूजा की जाती है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है, इस दिन विद्या, संगीत और कला की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। सनातन धर्म में मां सरस्वती की पूजा अचूक मानी जाती है, क्योंकि उनकी कृपा के बिना मनुष्य को बुद्धि और ज्ञान का आशीर्वाद नहीं मिल पाता है। इसी दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती का अवतरण हुआ था। इस वर्ष बसंत पंचमी का त्योहार 14 फरवरी 2024, बुधवार को मनाया जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के बाद और दिन के मध्य भाग से पहले की जाती है। ऐसे में आइए बसंत पंचमी की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, पूजा सामग्री और महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं…

बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार इस वर्ष पंचमी तिथि 13 फरवरी 2024 को दोपहर 02:41 बजे शुरू होगी. जबकि पंचमी तिथि 14 फरवरी 2024 को दोपहर 12:09 बजे समाप्त होगी. 14 फरवरी को उदया तिथि में पंचमी तिथि होने के कारण इस वर्ष बसंत पंचमी का त्योहार 14 फरवरी को ही मनाया जाएगा। बसंत पंचमी की पूजा के लिए 14 फरवरी 2024 को सुबह 07:01 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक का समय शुभ माना गया है।

बसंत पंचमी पूजा सामग्री

बसंत पंचमी के दिन आप पूजन सामग्री में पीले फूलों की माला, लकड़ी की चौकी, बिछाने के लिए पीला कपड़ा, सफेद तिल के लड्डू, सफेद धान के चावल, पके केले की फली पिस्ता, आम के पत्ते, आसन सामग्री शामिल कर सकते हैं। आसन, धूप या अगरबत्ती, घी, दीपक और बाती, मौसमी फल, गुड़, हल्दी, कुमकुम, कलश या पानी का बर्तन, माचिस, देवी सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर, नारियल, प्रसाद के लिए मिठाई, केसर की खीर या फिर कोई भी शामिल कर सकता है। पूजा के लिए केसर प्रसाद, सुपारी और थाली।

पूजा विधि

बसंत पंचमी में पूजा विधि का अपना ही महत्व है। बसंत पंचमी के दिन आपको सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करना चाहिए और साफ कपड़े पहनने चाहिए। फिर मां सरस्वती की मूर्ति या मूर्ति पर पीला रंग का कपड़ा चढ़ाएं। अब रोली, चंदन, हल्दी, केसर, चंदन, पीले या सफेद फूल, पीली मिठाई और अक्षत चढ़ाएं. पूजा स्थल पर वाद्य यंत्र और किताबें चढ़ाएं। कहा जाता है कि इस प्रकार मां शारदे की पूजा करने से आपकी पूजा संपूर्ण मानी जाती है। इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

बसंत पंचमी का महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती का आशीर्वाद पाने के लिए मां सरस्वती की पूजा की जाती है। इस दिन सभी स्कूलों और कॉलेजों में मां सरस्वती की पूजा की जाती है। यह भी मान्यता है कि इस दिन पीले वस्त्र पहनने और दान करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान और बुद्धि का आशीर्वाद मिलता है। कई जगहों पर बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है। इस दिन देवी सरस्वती को खिचड़ी और पीले चावल का भोग लगाया जाता है। बसंत पंचमी के दिन से ठंड कम होने लगती है और अनुकूल वातावरण बनने लगता है।

यह भी पढ़ेंः-

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.