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India News (इंडिया न्यूज), When Yamraj Gives A Signal: धार्मिक शास्त्रों में यमराज को मृत्यु के देवता माना जाता है। उनके बारे में कहा जाता है कि वे प्रत्येक मनुष्य को उसकी मृत्यु से पहले चार महत्वपूर्ण संकेत देते हैं। जो लोग इन संकेतों को समझकर अपने कर्मों में सुधार कर लेते हैं, उनका जीवन सफल और संतोषजनक हो जाता है। इसके विपरीत, जो लोग इन संकेतों को अनदेखा कर देते हैं, उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। आइए, जानते हैं इन संकेतों के बारे में और एक कथा के माध्यम से उनकी व्याख्या करते हैं।
एक बार एक व्यक्ति जिसका नाम अमृत था, यमुना नदी के किनारे निवास करता था। वह दिन-रात यमराज की पूजा करता था, क्योंकि उसे अक्सर मृत्यु का डर लगा रहता था। उसकी पूजा से प्रसन्न होकर एक दिन यमराज ने अमृत को दर्शन दिए और उसे वरदान मांगने का अवसर दिया।
अमृत ने अमरता का वरदान माँगा, लेकिन यमराज ने उसे समझाया कि हर प्राणी की मृत्यु निश्चित है। अमृत ने तब यमराज से कहा, “यदि मृत्यु को टाला नहीं जा सकता, तो आप मुझे ऐसा वरदान दें कि जब मेरी मृत्यु मेरे बिल्कुल करीब आए, तो मैं उसे जान सकूं और अपने परिवार के लिए कुछ प्रबंध कर सकूं।”
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यमराज ने अमृत की इच्छा पूरी करने का वादा किया और कहा, “जब तुम्हारी मृत्यु का समय नजदीक आएगा, तो मैं तुम्हें 4 संकेत दूंगा। जैसे ही तुम ये संकेत देखोगे, तुम इस संसार से विदा लेने की तैयारी कर लेना।” यमराज ने यह भी कहा कि अमृत को उसकी मृत्यु के संकेत मिलने पर उन्हें स्वीकार कर लेना चाहिए। इसके बाद यमराज अदृश्य हो गए।
समय बीतने के साथ अमृत ने यमराज के वरदान से आश्वस्त होकर विलासितापूर्ण जीवन जीना शुरू कर दिया और पूजा-पाठ से विमुख हो गया। वर्षों बाद, अमृत के बाल सफेद हो गए, फिर उसके दांत टूट गए, और उसकी दृष्टि कमजोर हो गई। लेकिन अमृत ने यमराज का कोई संकेत नहीं देखा और उसे अपने जीवन में किसी खतरे का एहसास नहीं हुआ।
इसके कुछ वर्षों बाद, अमृत बिस्तर पर पड़ा हुआ था और उसके शरीर के अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। बावजूद इसके, उसने यमराज के संकेत को अनदेखा किया और यह मान लिया कि उसकी मृत्यु अभी दूर है। लेकिन एक दिन, अमृत ने यमदूतों को अपने पास आते देखा, जो उसे यमराज के पास ले गए।
यमराज के पास पहुँचकर, अमृत ने उनसे कहा, “आपने तो मुझे मृत्यु के संकेत देने का वादा किया था, लेकिन मुझे कोई संकेत नहीं मिला।” यमराज ने अमृत को उत्तर दिया, “मैंने तुम्हें 4 संकेत दिए थे। पहला संकेत था जब तुम्हारे बाल सफेद हो गए थे। दूसरा संकेत था जब तुम्हारे दांत टूटने लगे थे। तीसरा संकेत था जब तुम्हारी दृष्टि कमजोर हो गई थी। और चौथा संकेत था जब तुम्हारे शरीर के अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। तुम्हारी विलासितापूर्ण जीवनशैली के कारण तुम इन संकेतों को समझ नहीं पाए।”
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इस कथा के माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि जीवन में समय की महत्वता को समझना और मृत्यु के संकेतों को पहचानना कितना आवश्यक है। जिन लोगों को अपने जीवन में सुधार करने की आवश्यकता है, वे इन संकेतों को ध्यान में रखकर अपने कर्मों में सुधार कर सकते हैं और एक सफल जीवन जी सकते हैं।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
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