संबंधित खबरें
क्यों दुर्योधन की जांघ तोड़कर ही भीम ने उतारा था उसे मौत के घाट, पैर में छिपा था ऐसा कौन-सा जीवन का राज?
जो लोग छिपा लेते हैं दूसरों से ये 7 राज…माँ लक्ष्मी का रहता है उस घर में सदैव वास, खुशियों से भरी रहती है झोली
इन 4 राशियों की लड़कियों का प्यार पाना होता है जंग जीतने जैसा, स्वर्ग सा बना देती हैं जीवन
देवो के देव महादेव के माता-पिता है कौन? शिव परिवार में क्यों नहीं दिया जाता पूजा स्थान
नए साल पर गलती से भी न करें ये काम, अगर कर दिया ऐसा तो मां लक्ष्मी देंगी ऐसी सजा जो सोच भी नहीं पाएंगे आप
दान में जो दे दिए इतने मुट्ठी चावल तो दुनिया की कोई ताकत नहीं जो रोक दे आपके अच्छे दिन, जानें सही तरीका और नियम?
India News (इंडिया न्यूज), Dhanteras 2024 Date and Time: सनातन धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है। इस माह के कृष्ण पक्ष में करवा चौथ, अहोई अष्टमी, रमा एकादशी, धनतेरस, नरक चतुर्दशी और दिवाली मनाई जाती है। जबकि, शुक्ल पक्ष में गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ पूजा, देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह मनाया जाता है। इसके अलावा मासिक दुर्गाष्टमी, कालाष्टमी और मासिक शिवरात्रि भी मनाई जाती है। इसके अलावा मासिक दुर्गाष्टमी, कालाष्टमी और मासिक शिवरात्रि भी मनाई जाती है। इनमें से धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है।
इस शुभ अवसर पर भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन सोने या चांदी से बने आभूषण खरीदे जाते हैं। इसके अलावा तांबे और कांसे से बने बर्तन भी खरीदे जाते हैं। अगर आप भी धनतेरस के दिन खरीदारी करने की योजना बना रहे हैं, तो खरीदारी का शुभ मुहूर्त जरूर नोट कर लें। अगर आप अशुभ समय या राहुकाल में खरीदारी करते हैं तो इसका विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। तो यहां जानें खरीदारी के लिए शुभ और अशुभ समय।
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 बजे से शुरू होकर 30 अक्टूबर को दोपहर 01:15 बजे समाप्त होगी। इस दिन प्रदोष काल संध्याकाल शाम 05:38 बजे से रात 08:13 बजे तक है। इस दौरान आप धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा कर सकते हैं। धनतेरस के दिन वृषभ काल शाम 06:31 बजे से रात 08:27 बजे तक है। इस दौरान मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में धन की कमी नहीं होती है।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी धनतेरस पर राहु काल दोपहर 02:51 बजे से शाम 04:15 बजे तक है। इस दौरान खरीदारी न करें। राहु काल में खरीदारी करने से शुभ फल नहीं मिलते। साथ ही इसका व्यक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ता है। गुलिक काल दोपहर 12:05 बजे से दोपहर 01:28 बजे तक है। धनतेरस पर गुलिक और राहु काल में खरीदारी न करें। अगर इसे नजरअंदाज किया जाए तो इसका जीवन पर बुरा असर पड़ सकता है।
सूर्योदय- सुबह 06 बजकर 31 मिनट पर
सूर्यास्त- शाम 05 बजकर 38 मिनट पर
चंद्रोदय- सुबह 04 बजकर 27 मिनट पर
चंद्रास्त- दोपहर 03 बजकर 57 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 48 मिनट से 05 बजकर 40 मिनट तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 40 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 05 बजकर 38 मिनट से 06 बजकर 04 मिनट तक
निशिता मुहूर्त- 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.