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कौन हैं हाथरस के 'भोले बाबा'? जिनके सत्संग में मची भगदड़, पहले भी कर चुके हैं ये कांड!

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : July 2, 2024, 6:49 pm IST
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कौन हैं हाथरस के 'भोले बाबा'? जिनके सत्संग में मची भगदड़, पहले भी कर चुके हैं ये कांड!

India News(इंडिया न्यूज), Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस-एटा सीमा पर एक सत्संग के दौरान एक भीषण घटना घटी, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई। बता दे कि यह सत्संग संत भोले बाबा का था, जिनके प्रवचन सुनने के लिए हाथरस-एटा बॉर्डर के पास स्थित रतीभान पुर में बहुत बड़ी संख्या में लोग इकठ्ठे हुए थे। पंडाल में भीषण उमस और तेज गर्मी के कारण भगदड़ बन गई, जिससे 27 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। मरने वालों में 25 महिलाएं और 2 बच्चे थे। CMO एटा ने इस संबंध में पुष्टि की है।

संत नारायण साकार हरि के नाम से प्रसिद्ध, ये संत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से लोकप्रिय हैं। वे थ्री पीस सूट में पहने हुए भक्तों को मोहमाया से ऊपर उठकर ईश्वर की भक्ति में लीन होने का संदेश देते हैं।

17 साल पहले नौकरी छोड़ शुरू किया था सत्संग

तैनाती के दौरान सत्संग के माध्यम से सूरज पाल ने संत भोले बाबा के रूप में अपना प्रवचन शुरू किया। उन्होंने अपनी पूर्व नौकरी से त्यागपत्र दे कर इस मार्ग पर चलने का निर्णय लिया। उन्होंने पटियाली में अपना आश्रम स्थापित किया, जहां वे गरीब और वंचित समाज के लोगों में तेजी से प्रभाव बना रहे हैं। उनके अनुयायियों की संख्या लाखों में है, जो उनके शिक्षाओं और दीक्षाओं को मानते हैं और उनके मार्ग पर चलने में समर्थ हैं।

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‘कोरोना’ के समय भी किया था ये कांड?

NBT की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना के समय, भोले बाबा के सत्संग कार्यक्रम पर विवाद उठा था जब उन्होंने सिर्फ 50 लोगों के लिए अनुमति मांगी थी लेकिन बाद में 50 हजार से अधिक लोग उनके सत्संग में उपस्थित हुए थे। इससे भारी भीड़ की समस्या प्राकृतिक रूप से उठी, जिसके चलते प्रशासनिक व्यवस्था में चुनौतियां आईं। वैसे ही इस बार भी कहा जा रहा है कि अनुमति से अधिक लोगों का उपस्थित होना प्रशासन को समस्याएं उत्पन्न कर रही हैं।

कई प्रदेशों में हैं अनुयायी

इतना ही नहीं प्रसिद्ध भोले बाबा के अनुयायी उत्तर प्रदेश से लेकर राजस्थान और मध्य प्रदेश में बह काफी बड़ी संख्या में पाए जाते है। बता दे कि भोले बाबा और उनके अनुयायी मीडिया से दूरी बनाए रहते हैं और अपनी भक्तिभाव में लीन होते हैं। महाराज के सत्संग की व्यवस्था उनके अनुयायी ही संभालते हैं। जो ये सब करते हुए आयोजन के लिए मीडिया से दूरी ही बनाते हुए नज़र आते हैं।

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बाबा के काफिले को निकालने में मची भगदड़

सिकंदराराऊ से एटा रोड पर स्थित गांव फुलरई में भोले बाबा के सत्संग के बाद एक भीड़ निकली, जिसमें भाग लेने वालों ने बाबा के काफिले को निकालने के लिए रोका। इस भगदड़ में दुखद रूप से 90 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में हाथरस और एटा जिले के निवासी शामिल हैं।

डिस्क्लेमर:इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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