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India News (इंडिया न्यूज़), Brahmakumaris, दिल्ली: आज हम आपको इस लेख के माध्यम से प्रसिद्ध ब्रह्मकुमारिस के नियम और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान के बारे में बताने वाले हैं। तो सबसे पहले आपको ये बता दें की ब्रह्मकुमारी एक संसथान है। उनके संस्थान के कुछ ठोस नियम हैं जिन्हें वह जी जान लगाकर, नित प्रतिदिन फॉलो करते हैं।
दिन की शुरुआत, परमात्मा का ध्यान कर कर की जाती है।
ब्रह्मकुमारी के रूटीन व नियमो का अगला नियम है की वह अमृतवेला और नुमाशयोग रोजाना करना है।
ब्रह्मकुमारिस की संस्था ध्यान और प्रार्थनाओं के बारे में सीख देती है जो की पूर्ण तरीके से आत्माओं पर ध्यान केंद्रित करती है। इस संस्था से जुड़े लोग राष्ट्रीयता, जातुई, लिंग और नेसल जैसी भौतिक चीजों से परे जाने का प्रयास करते हैं।
इनका मन्ना है की वो एक आध्यात्मिक शिक्षण समूह हैं। उनके तेहते, मनुष्य को दो भागो में देखा जा सकता है- पहला आत्मा की ऊर्जा और दृश्य शरीर। वो ये सिखलाते हैं की घटनाएँ अपने व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति प्राप्त करने के लिए, जनम लेते हैं और शरीर में प्रवेश करते है।वे ईश्वर को संदर्भित करके, ‘परमात्मा’ शब्द का उपयोग करते हैं और उसे भौतिक शरीर के बिना जीवित प्रकाश के रूप में संदर्भित करते हैं। वे नकारात्मकता और बुराई पर काबू पाने के लिए मानवता की भावना को फिर से जागृत करना चाहते हैं।
ब्रह्मकुमारिस का मानना है की, आत्मा इस जनम में जैसे भी करम करती है, चाहे वो अच्छे हिन् या फिर बुरे, उसका अगला जन्म भी उसी बात पर निर्भर करता है। इस जन्म में आत्मा ने जिस भी प्रकार के कर्म किये होंगे, उसका सीधा सीधा असर उसके अगले जन्म से होता है। इसी सम्बन्ध को वो अपने नियमो और सीख का एक बेहद बड़ा हिस्सा मानते हैं। ब्रह्मकुमारिस का मानना है की, ध्यान एक ऐसा विकल्प है जो आत्मा को बेहतर जीवन जीने के लिए बदलने में मदद करने की क्षमता रखता है।
उनका मानना है की चाहे विवाह हो या बाहर, साफसया को पूर्ण ब्रह्मचारी होना चाहिए। सदस्य का नियम हो की वो प्रति दिन ६:३० बजे उठे और कक्षा में भाग ले। इसी के साथ साथ व्यक्ति को सात्विक शाकाहारी भोजन का सख्ती से पालन करना चाहिए। तम्बाकू, शराब जैसी नासहीली पदार्थों से दूर रहना होगा। कुछ ऐसे ही नियम हैं ब्रह्मकुमारिस केजिनके लिए वो विश्व में प्रसिद्द हैं।
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