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Pradosh Vrat Katha: यह कहानी पढ़े बिना अधुरा रहेगा प्रदोष व्रत! आज जरूर पढ़ें पूजा में

Pradosh Vrat Kahani: व्रत कथा को पढ़े बिना हर पूजा और व्रत अधुरा माना जाता हैं. आज बुध प्रदोष व्रत हैं, ऐसे में आपको शिव की पूजा के साथ-साथ प्रदोष व्रत की यह कहानी जरूर पढ़नी चाहिए

Written By: Chhaya Sharma
Last Updated: December 16, 2025 20:20:44 IST

Budh Pradosh Vrat 2025: हर महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत किया जाता है और इस दिन भगवान शिव और पार्वती जी की पूजा होती हैं. कहा जाता हैं, जो कोई भी व्यक्ति प्रदोष व्रत रखता है, उसके वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है और रिश्ता मजबुत होता है, इसके अलावा अविवाहितों को मन चाहा जीवनसाथी मिलता है. अब साल का अंतिम महीना चल रहा है और आज इस साल में आने वाला है यह आखिरी प्रदोष व्रत, जो बेहद खास हैं. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और पार्वती जी के साथ-साथ व्रत की कहानी भी जरूर पढनी चाहिए क्योंकि इसके बिना व्रत और पूजा अधुरी मानी जाती है और पूरा फल प्राप्त नहीं होता हैं. आइये यहां पढ़ते हैं प्रदोष व्रत की कहानी 

बुध प्रदोष व्रत कथा

पुराने समय की बात है एक व्यक्ति का विवाह हुआ था. गौना संपन्न कराने के लिए जब वो व्यक्ति अपनी पत्नी को दूसरी बार ससुराल से विदा कराने के लिए उसके घर गया, तब उसने अपनी सास से कहा कि वह बुधवार के दिन ही अपनी पत्नी को घर वापस लेकर जाएगा, जिसके बाद सास-ससुर और सभी अन्य रिश्तेदारों ने उसे समझाने की कोशिश करी कि बुधवार के दिन लड़की को विदा कराना शुभ नहीं माना जाता, लेकिन वो व्यक्ति  अपनी बात पर अड़ा रहा. विवश होकर ससुराल वालों ने भी भारी मन से बुधवार के दिन ही अपनी बेटी को विदा किया. पति-पत्नी बैलगाड़ी से जा रहे थे, तभी रास्ते में पत्नी को प्यास लगने लगी. पति पानी लाने के लिए पास के स्थान पर चला गया, जब वापस लौटातो वहा का दृश्य देखा हैरान रह गया और क्रोधित हो उठा. उसकी पत्नी किसी दूसरे आदमी के  लाए हुए पानी को पीते हुए उससे हंस-हंसकर बातें कर रही थी. क्रोध में आकर वह उस व्यक्ति से झगड़ने लगा, लेकिन तभी उसे देखकर और भी हैरानी हुई कि उस व्यक्ति का चेहरा बिल्कुल उसी के समान था. दोनों हमशक्ल पुरुषों के बीच का विवाद बढ़ता ही गया और देखते-ही-देखते वहां कई सारे लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई. सिपाही भी मौके पर पहुंचे. उसने स्त्री से पूछा कि इन दोनों में से उसका पति कौन है, लेकिन दोनों के चेहरे एक जैसे होने के कारण वह असमंजस में पड़ गई. यह दृश्य देखकर उस व्यक्ति की आंखें भर आईं. उसने तभी वहा खड़े होकर भगवान शिव से विनती की, हे प्रभु! मेरी पत्नी की रक्षा कीजिए. मुझसे बड़ी भूल हो गई जो मैंने बुधवार के दिन उसे विदा कराया. आगे से कभी ऐसी गलती नहीं करूंगा. उसकी प्रार्थना पूर्ण होते ही वह दूसरा व्यक्ति अदृश्य हो गया. इसके बाद वह व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ घर लौट आया. यह घटना होने के बाद दोनों पति-पत्नी ने नियम के साथ बुध प्रदोष व्रत करना प्रारंभ किया.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. India News इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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