संबंधित खबरें
क्यों दुर्योधन की जांघ तोड़कर ही भीम ने उतारा था उसे मौत के घाट, पैर में छिपा था ऐसा कौन-सा जीवन का राज?
जो लोग छिपा लेते हैं दूसरों से ये 7 राज…माँ लक्ष्मी का रहता है उस घर में सदैव वास, खुशियों से भरी रहती है झोली
इन 4 राशियों की लड़कियों का प्यार पाना होता है जंग जीतने जैसा, स्वर्ग सा बना देती हैं जीवन
देवो के देव महादेव के माता-पिता है कौन? शिव परिवार में क्यों नहीं दिया जाता पूजा स्थान
नए साल पर गलती से भी न करें ये काम, अगर कर दिया ऐसा तो मां लक्ष्मी देंगी ऐसी सजा जो सोच भी नहीं पाएंगे आप
दान में जो दे दिए इतने मुट्ठी चावल तो दुनिया की कोई ताकत नहीं जो रोक दे आपके अच्छे दिन, जानें सही तरीका और नियम?
इंडिया न्यूज़ : हिन्दू आस्था और विश्वास के लिहाज से चैत्र नवरात्रि काफी अहम् मानी जाती है। बता दें, हिन्दू पंचांग के मुताबिक इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च से और अंतिम यानि रामनवमी 30 मार्च को है। हिन्दू परम्पराओं में माता के 9 स्वरूपों की पूजा- अर्चना करने का विधान है। नवरात्रि को लेकर लोग पूर्व से ही मठ मंदिरों में तैयारी करने में जुटे हुए हैं। मां का दिव्य दरबार सजाने के लिए लगातार माता के भक्त मंदिर में फूल-माला से झालरों से मंदिर की शोभा बढ़ाने में जुट गए हैं। मालूम हो, नवरात्रि के नौ दिनों में माता के भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए उपवास रखते हैं।
बता दें, चैत्र की नवरात्रि में मां के भक्त 9 दिन का उपवास मां को मनाने और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए रखते हैं। हालांकि, इन 9 दिनों में कौन सा व्रत खास होता है? इस पर ज्योतिषों का मानना है कि मां के दिनों में सबसे खास व्रत जिसके ऊपर शनि और राहु का दोष होता है, उस व्यक्ति को कालरात्रि का व्रत रखना चाहिए। मां कालरात्रि कि व्रत से उसकी जीवन से जुड़ी हुई जो भी संकट बाधाएं होती है मां दुर्गा हर लेती हैं और उसके ऊपर कभी भी किसी प्रकार की बाधाएं नहीं आती हैं।
ज्योतिषों कि मुताबिक, कालरात्रि का व्रत रखने का एक ही दिन शुभ माना जाता है। पंडितों के मुताबिक, मां के शुरुआत के दिन या आखिरी के दिन हर व्यक्ति को रखना चाहिए। ताकि जीवन की दिक्कतों से छुटकारा मिल सके।
ज्योतिषों के मुताबिक़, चैत्र नवरात्रि का 7 वें दिन 28 मार्च 2023 सप्तमी तिथि को मां कालरात्री की पूजा होगी। चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन यानि 29 मार्च 2023 अष्टमी तिथि को मां महागौरी की पूजा का विधान है। ये दिन उपवास के लिए बहुत ही ख़ास माना गया है। इस उपवास को सप्तमी के मध्य रात्रि से शुरू किया जा सकता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.