Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य इतिहास के उन विद्वानों में से एक हैं जिनकी रचनाएं, जैसे चाणक्य नीति, आज भी पढ़ी और सराही जाती हैं. चाणक्य नीति का यह श्लोक ऐसे लोगों के बारे में बताता है जिनकी संगति आपके जीवन को बर्बाद कर सकती है. इसलिए, आपको ऐसे लोगों से जल्द से जल्द दूरी बना लेनी चाहिए. चाणक्य ने इन लोगों के साथ रहने को मृत्यु के समान बताया है.
आचार्य चाणक्य का मानना था कि अगर कोई व्यक्ति अपनी कमियों को पहचान ले और उन्हें दूर कर ले, तो कोई भी लक्ष्य मुश्किल नहीं रहता. उनकी नीति में कई ऐसे सिद्धांत हैं जो आज भी उतने ही काम के हैं. आइए जानें कि आपको ऐसे लोगों से जल्द से जल्द दूरी बना लेनी चाहिए. चाणक्य ने इन लोगों के साथ रहने को मृत्यु के समान बताया है.
दुष्टाभार्या शठं मित्रं भृत्यश्चोत्तरदायकः ।
संसर्प च गृहे वासो मृत्युरेव नः संशयः ।।५।।
यह श्लोक चाणक्य नीति के पहले अध्याय से लिया गया है, जिसमें आचार्य चाणक्य कुछ ऐसी बातों का वर्णन करते हैं, जिनसे अगर आप जुड़े हैं, तो वे मृत्यु से 1- कम नहीं हैं. पहला है एक दुष्ट पत्नी या जीवनसाथी. अगर आपका जीवनसाथी अच्छा नहीं है, तो जीवन नरक बन जाता है. इसलिए, आपको ऐसे साथी को छोड़ देना चाहिए.
2- यह श्लोक कहता है कि एक झूठा या दुष्ट दोस्त दुश्मन से कम नहीं होता. अगर आपका दोस्त भी धोखेबाज है, तो आपको ऐसे दोस्त की संगति छोड़ देनी चाहिए. क्योंकि ये लोग न केवल अपने लिए समस्याएँ पैदा करते हैं बल्कि आपके लिए भी कई मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं.
3- आज की तेज रफ्तार जिंदगी में, जीवन को थोड़ा आसान बनाने के लिए नौकर रखना आम बात है, लेकिन आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर आपका नौकर बुरे स्वभाव का है, तो वह आपके लिए भी समस्याएं खड़ी कर सकता है. इसलिए, आपको किसी भी व्यक्ति को नौकर रखने से पहले उसकी अच्छी तरह से जांच-पड़ताल कर लेनी चाहिए.