संबंधित खबरें
क्या आपको भी सोते समय आते है शारीरिक संबंध बनाने के सपने? क्या होता है ऐसे सपनो का मतलब, जानें सब कुछ
पिता से ज्यादा पति के लिए भाग्य का भंडार होती है ऐसी लड़कियां, पसंद करने जाए लड़की तो देख ले उसकी उंगली पर ये एक साइन?
इन लोगों को भूलकर भी नहीं पहनना चाहिए रुद्राक्ष, शिव जी का ऐसा प्रकोप दिखाता है कि…?
जब कर्ण की ओर आग-बबूला हो गदा लेकर दौड़े थे हनुमान, फिर किसने किया था बजरंग बली का गुस्सा शांत और बचाई थी कर्ण की जान?
इस देवता की मृत्यु के बाद क्यों उनके शरीर की राख को 8 भागों में कर दिया गया था विभाजित?
जब भगवान राम अपने भक्त पर ब्रह्मास्त्र चलाने को हो गए थे मजबूर, क्या सच में हनुमान को सुनाई थी मौत की सज़ा?
इंडिया न्यूज़(दिल्ली): भारत में तेजी से बदल रही धार्मिक जनसांख्यिकी एक बड़े खतरे के रूप में सामने आ रही है,एक अध्ययन से यह पता चला है,नीति अनुसंधान केंद्र के डॉ जेके बजाज ने एक शोध किया है इसका विषय है “भारत में बदलती धार्मिक जनसांख्यिकी” इसमें पाया गया है की भारत के अंदर हिंदी,सिख,बौद्ध,जैन और अन्य धर्मो के मुकाबले मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है,डॉ बजाज कहते है की यह एक महत्वपूर्ण घटना,जिसके महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक परिणाम होंगे.
पहले कुछ टिप्पणीकारों द्वारा यह बताया गया था कि भारतीय मुसलमानों का प्रजनन दर वास्तव में पिछले दो दशकों (यानी 1991-2001 और 2001-2011 के बीच) में गिरावट आई है और हिंदुओं की प्रजनन दर की तुलना में ज्यादा गिरवाट मुस्लिम समुदाय में आई है,हालाँकि, डॉ बजाज ऐसे डेटा की तुलना करने में त्रुटि की ओर इशारा करते हैं,उनके निष्कर्षों के अनुसार, मुसलमानों और दूसरे समुदाय के विकास दर के बीच सामान्यीकृत अंतर केवल चौड़ा हुआ है.
डॉ बजाज ध्यान दिलाते है की मुसलमानों और दूसरे समुदाय के विकास दर के बीच का अंतर,दूसरे समुदाय के पूर्ण वृद्धि के लिए सामान्यीकृत,1981-91 के दौरान 49 प्रतिशत तक बढ़ गया,1991-2001 में यह मामूली रूप से संकरा हो गया और पिछले दशक में फिर से चौड़ा हो गया है,धार्मिक असंतुलन के रुकने के संकेत के रूप में मुस्लिम विकास दर में 29.69 से 24.65 प्रतिशत की गिरावट को इंगित करने वाले टिप्पणीकार गलत हैं,क्योंकि मुसलमानों और दूसरे समुदाय के विकास दर के बीच सामान्य अंतर केवल चौड़ा ही हुआ है.
डॉ बजाज कहते है की यह एक प्रवृत्ति है जो अभी तक कम नहीं हुई है,मुस्लिम विकास में वृद्धि के साथ-साथ दूसरे धर्मो के विकास में कमी जारी है,एक ऐसे देश में जो धार्मिक आधार पर बटवारे के जोखिम का सामना कर रहा है,भविष्य में इस बदलाव के और अधिक परिणाम होने की संभावना है.
इतना ही नहीं,गिरती प्रजनन दर माँ की ओर से अधिक शिक्षा और एजेंसी का संकेत देती है,यह संभव है कि विकास दर में तेजी वाले समुदायों में,महिलाएं शिक्षा,स्वास्थ्य और काम के अवसरों तक पहुंच में पिछड़ रही हों और परिणामस्वरूप उनके द्वारा पालने वाले परिवारों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा,जैसा कि कहा जाता है,जब आप एक पुरुष को शिक्षित करते हैं तो आप एक व्यक्ति को शिक्षित करते हैं लेकिन जब आप एक महिला को शिक्षित करते हैं तो आप एक परिवार को शिक्षित करते हैं.
यह अध्ययन सीमावर्ती राज्य अरुणाचल प्रदेश में धर्मांतरण पर भी प्रकाश डालता है,जहां चीनी क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाएं पूरे वर्ष सुरक्षा बलों को एक दुर्गम इलाके में अपने पैर की उंगलियों पर रखती हैं,यहां 2001-2011 से आबादी पर बयार बह गया है,जो अनुसूचित जनजातियों के बहुमत को ईसाई धर्म में परिवर्तित कर रहा है.
अध्ययन में कहा गया है कि 2001-11 से राज्य की जनसंख्या में ईसाइयों का अनुपात 19 से कम से बढ़कर 30 प्रतिशत से अधिक हो गया है, यह ऐसे समय में आया है जब केंद्र सबसे पूर्वी भारतीय राज्य को राजनीति की मुख्यधारा में लाने और विकास के नक्शे पर लाने के लिए ठोस प्रयास कर रहा है.
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.