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Chhath Puja 2023: छठ पूजा में इस वजह से होता है बांस के सूप का इस्तेमाल, जाने इसका महत्व

BY: Nishika Shrivastava • LAST UPDATED : November 15, 2023, 11:00 pm IST
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Chhath Puja 2023: छठ पूजा में इस वजह से होता है बांस के सूप का इस्तेमाल, जाने इसका महत्व

Chhath Puja 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Chhath Puja 2023: छठ को लोक आस्था का महापर्व है। इसकी शुरुआत कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से होती है। बता दें कि छठ पूजा भगवान सूर्य और छठी मैया को समर्पित है। छठ पूजा के चार दिनों के दौरान महिलाएं संतान की सलामती और परिवार की खुशहाली के लिए व्रत करती हैं। कई स्थानों पर छठ पूजा को प्रतिहार, डाला छठ, छठी और सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है।

संतान को समर्पित है छठ पूजा

निसंतान दंपत्तियों द्वारा संतान प्राप्ति के लिए छठ पूजा की जाती है। साथ ही छठ व्रत करने से संतान की सेहत अच्छी बनी रहती है, और उन्हें जीवन में सफलता प्राप्त होती है। यह पूजा मूल रूप से संतान के लिए की जाती है। ऐसे में छठ पूजा में बांस के बन सूप का इस्तेमाल किया जाता है, जो इस बात का प्रतीक है कि जिस प्रकार बांस तेजी से बढ़ता है उसी प्रकार संतान की भी प्रगति हो। यही कारण है कि छठ पूजा बांस के सूप के बिना अधूरी मानी जाती है।

यह है मान्यता

छठ पूजा के दौरान सूर्य की पूजा में अर्घ्य देते समय भी बांस के सूप का इस्तेमाल किया जाता है। इस दौरान महिलाएं बांस से बने सूप, टोकरी या देउरा में फल आदि रखकर छठ घाट पर ले जाती हैं और इन्ही के द्वारा सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। बांस से बने सूप या टोकरी की सहायता से ही छठी मैया को भेंट भी दी जाती है। मान्यताओं के अनुसार, बांस से पूजा करने से धन और संतान का सुख मिलता है।

 

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