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Christmas 2023: हर साल, इस दिन क्यों मनाया जाता है क्रिसमस? जाने इसके पीछे की क्या है कहानी

BY: Nishika Shrivastava • LAST UPDATED : December 25, 2023, 5:10 pm IST
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Christmas 2023: हर साल, इस दिन क्यों मनाया जाता है क्रिसमस? जाने इसके पीछे की क्या है कहानी

Christmas 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Christmas 2023: आज यानी 25 दिसंबर को दुनियाभर में क्रिसमस का त्योहार बड़ें ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। हर साल इस त्योहार का लोग बड़े ही बेसब्री से इंतजार करते है और कई दिनों पहले से ही इसकी तैयारी में जुट जाते हैं। बता दें कि ये त्योहार क्रिसमस यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व है। हर चर्च कई दिनों पहले ही सजा दिए जाते हैं। इस खास दिन पर केक काटने, चर्च जाने, एक-दूसरे को उपहार देने के साथ एक और चीज का इस दिन खास महत्व होता है और वो है क्रिसमस ट्री का। इस दिन लोग अपने घरों को सजाने के साथ क्रिसमस ट्री भी सजाते है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर इस दिन को क्यों मनाया जाता है और इसे मनाने के पीछे की कहानी क्या है? तो यहां जानिए कि हर साल क्यों मनाया जाता है क्रिसमस?

क्या है क्रिसमस फेस्टिवल?

जानकारी के अनुसार, क्रिसमस दो शब्दों “क्राइस्ट” और “मास” शब्द से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है ईसा मसीह का पवित्र महीना। हर साल 25 दिसंबर को दुनियाभर में क्रिसमस मनाया जाता है। इस दिन को ईसाई धर्म के संस्थापक यीशु मसीह के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। क्रिसमस की तैयारी लोग एक महीने पहले से ही करने लग जाते हैं। इस दिन कुछ लोग अपने घरों की सजावट करवाते है, तो वहीं कुछ लोग खुद भी अपने घरों को सजाते हैं।

इसके अलावा बहुत सारे लोग इस दिन सामूहिक पार्टी का आयोजन भी करते हैं, जिसमें सभी साथ मिलकर कैंडल जलाकर यीशु मसीह से प्रार्थना करते हैं और फिर केक काटकर खूब एंजॉय करते हैं, गाना गाते हैं, डांस करते हैं और सबके साथ मिलकर लजीज व्यंजनो का आनंद लेते हैं। इन सब के बाद छोटे बच्चों को सेंटा का इंतजार रहता हैं और फिर उनमें से ही कोई सेंटा बनकर पार्टी में आए सभी लोगों को गिफ्ट देता है।

क्यों मनाया जाता है यह क्रिसमस?

जानकारी के अनुसार, बाइबिल में यीशु मसीह के जन्म की तारीख नहीं दी गई है। इसलिए मान्यताओं के आधार पर ही इसे मनाया जाता है। इस दिन को क्रिसमस के रूप में मनाने को लेकर लोगों में बहुत सारे मतभेद भी हैं। लेकिन ईसाई धर्म की मान्यता के अनुसार, 25 दिसंबर को ही प्रभु यीशु मसीह का जन्म हुआ था। इसी वजह से इस दिन को प्रभु यीशु मसीह के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।

वहीं यीशु मसीह, जिन्हें जीसस क्राइस्ट के नाम से भी जाना जाता है, उनके जन्म को लेकर ये भी मान्यता है कि मां मरियम को सपने में प्रभु के पुत्र यीशु रूप में प्राप्त होने की भविष्यवाणी हुई थी। इसी के बाद वो गर्भवती हुईं और फिर 25 दिसंबर को यीशु मसीह का जन्म हुआ था।

25 दिसंबर की मान्यता

बताया जाता है कि 336 ईसवी पूर्व में सबसे पहले ईसाई रोमन सम्राट, जो कि ईसा मसीह के अनुयायी थे, जिन्होंने सबसे पहली बार 25 दिसंबर को जीसस क्राइस्ट के जन्मदिवस के रूप में मनाया था। आगे चलकर कुछ सालों बाद पोप जुलियस ने इस दिन को जीसस क्राइस्ट के जन्मदिवस के रूप में मनाने की आधिकारिक घोषणा भी कर दी थी। तभी से 25 दिसंबर को जीसस क्राइस्ट के जन्मदिवस के रूप में मनाने की परंपरा चली आ रही है। हालांकि, इस विषय पर आगे भी विवाद बना रहा, लेकिन ये भी सच है कि मान्यताओं के आधार पर इसी दिन को क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है।

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