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Puja Path, Importance of Coconut: हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ या किसी भी मांगलिक कार्य में कई प्रकार के सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है। हिन्दू धर्म में इन्हीं में से एक नारियल को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि सनातन धर्म में नारियल को बहित पवित्र माना गया है। इसलिए मान्यता है कि देवी-देवताओं को नारियल अर्पित करने से सभी कष्टों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इसके साथ ज्योतिष शास्त्र में भी ये बताया गया है कि नारियल पानी चन्द्रमा का प्रतीक है। यहां जानिए पूजा-पाठ में नारियल का महत्व और क्यों महिलाएं नहीं फोड़ सकती हैं नारियल।
शास्त्रों में बताया गया है कि नारियल में भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवता वास करते हैं। वहीं, हम सभी ने नारियल पर तीन आंख देखें होंगे, जिन्हें भगवान शिव के त्रिनेत्र का रूप माना जाता है। इसलिए किसी भी धार्मिक कार्य में नारियल का इस्तेमाल करना आवश्यक माना जाता है। शास्त्रों में इसके बारे में ये भी बताया गया है कि नारियल पानी का घर में छिड़काव करने से सभी नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं।
हिन्दू धर्म में एकाक्षी नारियल का विशेष महत्व है। इसे माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है। मान्यता है कि जिस घर में एकाक्षी नारियल होता है, वहां कभी भी धन की कमी नहीं होती है। साथ ही ऐसे घर में अटूट लक्ष्मी का वास भी होता है। शास्त्रों में बताया गया कि भगवान को एकाक्षी नारियल अर्पित करने से सुख, सम्पत्ति और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति को व्यवसायिक क्षेत्र में भी सफलता प्राप्त होती है।
पौराणिक काल की सनातन संस्कृति में जानवरों की बलि की प्रथा को तोड़कर नारियल फोड़ने की प्रथा को अपनाया गया था। इसलिए नारियल फोड़ने को बलि के समान माना जाता है। यही वजह है कि महिलाओं को नारियल फोड़ने की मनाही है। इसके साथ मान्यता यह भी है कि नारियल एक बीज है और महिला भी एक शिशु को बीज के रूप में जन्म देती है। इसलिए विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को नारियल फोड़ने से रोका जाता है।
माना जाता है कि इसका नकारात्मक प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है। एक पौराणिक मान्यता यह भी है कि भगवान विष्णु ने धरती लोक पर माता लक्ष्मी के साथ एक नारियल भी भेजा था। इसलिए भी नारियल फोड़ना महिलाओं के लिए वर्जित माना जाता है।
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