(दिल्ली) : रामचरितमानस पर मचे विवाद को लेकर पूरे देश में घमासान जारी है। बिहार राजद के नेताओं ने इसे नफरती ग्रन्थ बताया तो उत्तर प्रदेश में सपा नेताओं ने उनके सुर -में सुर मिलाते हुए लखनऊ में रामचरितमानस की प्रतियां जलाई हैं। जिस पर बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस विवाद पर नाराजगी जताते हुए आक्रोश प्रकट किया है। बागेश्वर धाम सरकार ने कहा है कि जिस ग्रंथ की शुरुआत ही भगवान राम के नाम से है, उसके प्रति अगर इस प्रकार का कृत्य किया जा रहा है, तो यह घोर निंदनीय है।

बागेश्वर धाम सरकार ने आगे कहा कि अब सनातनियों को एक होना पड़ेगा। हमलोग कब तक ये सब सहेंगे। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि इसके पीछे कोई बहुत बड़ा प्लान है। साथ ही बड़ी टीम काम कर रही है। ये सभी हिंदुओं को आपस में ही लड़वाना चाहते हैं। हिंदुओं को आपस में लड़वाकर ये लोग राज करना चाहते हैं। हम प्रत्येक भारतीय हिंदू से अपील करते हैं कि आपको जागना पड़ेगा। ऐसे लोग जिन्होंने रामचरितमानस पर उंगली उठाई है, उनसे हाथ मिलाना है या क्या मिलाना है। इस विवाद पर सभी लोगों को अपना जवाब देना होगा।

रामचरितमानस हो राष्ट्रीय ग्रंथ

बागेश्वर सरकार ने यह भी कहा कि अब हिंदुओं को एकजुट होने की जरूरत है। रामचरितमानस पर उंगली उठाने वाले लोगों को भारत में रहने का अधिकार नहीं है। हम पूरे भारत के लोगों से कब से चिल्ला और बोल रहे हैं कि सब एक हो। सब लोग एकजुट हो जाओ। रामचरितमानस हमारा राष्ट्रीय ग्रंथ हो और भारत हिंदू राष्ट्र बने।

रामचरितमानस पर विवाद

बता दें, कुछ दिनों पूर्व रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों पर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने सबसे पहले सवाल उठाया था। इसके बाद यूपी में स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस पर सवाल उठाए। साथ ही लखनऊ में कुछ लोगों ने रामचरित मानस की प्रतियां भी जलाईं। जिसके बाद से ये विवाद आग का रूप लेता जा रहा है।