Live
Search
Home > धर्म > December Pradosh Vrat 2025: कब है साल का आखिरी प्रदोष व्रत- जानिए तारीख, मुहूर्त और पूजा विधि

December Pradosh Vrat 2025: कब है साल का आखिरी प्रदोष व्रत- जानिए तारीख, मुहूर्त और पूजा विधि

December Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत का भगवान शिव के भक्तों के लिए विशेष महत्व है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. तो, यहाँ साल के आखिरी प्रदोष व्रत की तारीख और शुभ समय के बारे में वह सब कुछ है जो आपको जानना चाहिए.

Written By: Shivashakti narayan singh
Last Updated: 2025-12-08 23:27:45

December Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत 2025 की तारीख: प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की विधि-विधान से पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यह हर महीने दो बार मनाया जाता है, एक बार शुक्ल पक्ष (बढ़ते चंद्रमा का चरण) के दौरान और एक बार कृष्ण पक्ष (घटते चंद्रमा का चरण) के दौरान. प्रदोष व्रत की पूजा शाम को, विशेष रूप से प्रदोष काल में की जाती है, जो त्रयोदशी तिथि (तेरहवें चंद्र दिवस) को पड़ता है. प्रदोष के दिन, भक्तों को भगवान शिव को बेल पत्र, फूल, धूप और अन्य प्रसाद चढ़ाना चाहिए और शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए. प्रारंभिक पूजा के बाद, प्रदोष काल के दौरान उन्हीं अनुष्ठानों को दोहराना चाहिए. ऐसा करने से मनचाहे परिणाम मिलते हैं. तो, आइए जानते हैं कि साल का आखिरी प्रदोष व्रत कब मनाया जाएगा और पूजा का शुभ समय क्या होगा.

प्रदोष व्रत 2025 की तारीख?

साल का आखिरी प्रदोष व्रत 17 दिसंबर, 2025 को मनाया जाएगा. यह प्रदोष व्रत बुधवार को पड़ रहा है, इसलिए इसे बुध प्रदोष कहा जाएगा. जब प्रदोष का दिन बुधवार को पड़ता है, तो इसे बुध प्रदोष के नाम से जाना जाता है. प्रदोष व्रत का नाम उस सप्ताह के दिन के अनुसार तय होता है जिस दिन यह पड़ता है. बुधवार को पड़ने वाला प्रदोष व्रत बुद्धि, वाणी और व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने के लिए फायदेमंद माना जाता है. प्रदोष व्रत 2025 शुभ मुहूर्त
पंचांग (हिंदू कैलेंडर) के अनुसार, त्रयोदशी तिथि 16 दिसंबर, 2025 को रात 11:57 बजे शुरू होगी. त्रयोदशी तिथि 18 दिसंबर को सुबह 2:32 बजे समाप्त होगी. प्रदोष पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6:04 बजे से रात 8:41 बजे तक रहेगा.

बुध प्रदोष पर क्या करें?

  • बुध प्रदोष के दिन व्रत रखना चाहिए और प्रदोष काल में शिवलिंग के पास शुद्ध घी का चार बत्तियों वाला दीपक जलाकर शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए. 
  • त्रयोदशी की रात के पहले भाग में, भगवान शिव की मूर्ति के पास प्रसाद लेकर जाना चाहिए.
  • प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव को बेल पत्र अवश्य चढ़ाएं.

MORE NEWS

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?