संबंधित खबरें
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर जो कर लिया इन 3 शक्तिशाली मंत्रो का जाप, 3 महीनों में बेकाबू हो उठेगा कुबेर खजाना!
महाभारत में जब श्री कृष्ण के शंख से हील गया था पूरा ब्रम्हांड! वो राक्ष्स जिसके वजह से यमलोक में मच गया था हड़कंप, जानें क्या है उस शंख का नाम?
इन 3 राशि के जातकों को आज मिलने जा रहा है बुधादित्य योग का बड़ा मुनाफा, होगा इतना लाभ जिससे आप भी होंगे अंजान!
दुश्मनी के बावजूद भी क्यों पांडवों ने कर्ण के बेटे को सौंप दिया था इन्द्रप्रस्थ का राजपाठ? कौन था कर्ण का वो एक बेटा जो रह गया था जीवित?
कलियुग की स्त्रियों को लेकर श्रीकृष्ण की अर्जुन से कही ये 3 बातें आज हो रही है पत्थर की लकीर की तरह सच, जानें सबकुछ
पर्स में ये एक चीज रखते ही खींची आती है मां लक्ष्मी…पैसों के साथ-साथ जीवन में भी भर देती है सुख-समृद्धि
India News (इंडिया न्यूज़), Bheem-Hidimba Love Story: युद्ध के अलावा महाभारत में कई प्रेम कहानियां भी हैं। इन प्रेम कहानियों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। महाभारत में कई ऐसी प्रेम कहानियां हैं जिनमें उन्होंने अपने प्यार के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया। आज इस लेख में हम आपको हिडिम्बा और भीम की प्रेम कहानी के बारे में बताएंगे। हिडिम्बा भीम को अपना दिल दे बैठी थी। भीम की रक्षा के लिए हिडिम्बा ने अपने भाई के खिलाफ बगावत कर दी थी।
यह घटना तब की है जब पांडव लाक्षागृह से बचकर अपनी मां के साथ जंगल में रात बिता रहे थे। पांडव और मां कुंती सो रहे थे। भीम अपने भाइयों और मां की रक्षा के लिए जंगल की रखवाली कर रहे थे। जब हिडिम्ब नामक राक्षस को जंगल में मानव गंध महसूस हुई तो उसने अपनी बहन हिडिम्बा को जंगल में भेजा। हिडिम्बा उस स्थान पर पहुंची जहां पांडव आराम कर रहे थे। हिडिम्बा पांडवों पर हमला करने ही वाली थी कि अचानक हिडिम्बा की नजर भीम पर पड़ी। हिडिम्बा पहली नजर में ही भीम पर मोहित हो गई।
दूसरी ओर हिडिम्ब ने देखा कि हिडिम्बा अभी तक नहीं आई है, तो हिडिम्ब स्वयं जंगल में पहुंच गया। हिडिम्ब देखता है कि उसकी बहन एक सुंदर अप्सरा का रूप धारण करके भीम से बात कर रही है। यह सब देखकर हिडिम्ब को बहुत गुस्सा आता है। वह हिडिम्बा के पास जाता है और कहता है कि बहन तुमने आने में बहुत देर कर दी। क्या हुआ, अचानक हिडिम्बा अपने भाई को देखकर डर जाती है और वह अपने असली रूप में आ जाती है।
जब भी वह सुंदर अप्सरा को राक्षसी में बदलते देखता है, तो वह समझ जाता है कि वह एक मायावी राक्षसी है। भीम और हिडिम्ब के बीच युद्ध शुरू हो जाता है। इस लड़ाई में हिडिम्बा भीम का साथ देती है। हिडिम्ब की मृत्यु के बाद हिडिम्बा भीम को सच्चाई बताती है और विवाह का प्रस्ताव रखती है। भीम कहता है कि देवी मैं अपने भाई और मां की रक्षा के लिए यहां हूं। मेरा विवाह करने का कोई इरादा नहीं है।
हिडिम्बा भीम के भाइयों और मां को जगाना नहीं चाहती थी, इसलिए वह पूरी रात पेड़ पर बैठकर इंतजार करती रही। अगली सुबह जब पांडव और माता वन से जा रहे थे तो हिडिम्बा पेड़ से नीचे उतरी और कुंती से विवाह करने का अनुरोध किया। भीम ने हिडिम्बा के सामने आते ही उसे रात वाली सारी बात बता दी। कुंती ने धर्मराज युधिष्ठिर से पूछा कि क्या धर्म एक राक्षस और मनुष्य के विवाह की अनुमति देता है। युधिष्ठिर ने कहा कि धर्म माता की आज्ञा का पालन करने को कहता है। इसके बाद कुंती ने भीम और हिडिम्बा का विवाह करवा दिया। कुंती ने कहा कि भीम जीवन भर तुम्हारे साथ नहीं रह सकती। विवाह के बाद भीम और हिडिम्बा एक वर्ष तक साथ रहे। दोनों को एक पुत्र हुआ जिसका नाम घटोत्कच रखा गया।
मान्यताओं के अनुसार भीम से विवाह करने के बाद हिडिम्बा के राक्षसी रूप का प्रभाव समाप्त हो गया। हिडिम्बा देवी बन गई। आज हिमाचल प्रदेश के मनाली में हिडिम्बा को देवी के रूप में पूजा जाता है। मनाली में हिडिम्बा देवी का एक प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर में हमेशा भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.