क्यों मनाई जाती है धनतेरस? (Impotance of Dhanteras)
धनतेरस को ‘धन त्रयोदशी’ भी कहा जाता है. इस दिन भगवान धन्वंतरि ने अमृत कलश के साथ प्रकट होकर मानवता को स्वास्थ्य और आयु प्रदान की. इसलिए इस दिन उनके साथ-साथ समृद्धि और संपत्ति की देवी मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की भी पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन सही समय पर पूजन करने और शुभ वस्तुएं खरीदने से घर में सुख-समृद्धि और वित्तीय स्थिरता आती है.
धनतेरस 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त (Date and Shubh Muhurat of Dhanteras)
धनतेरस 2025 कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि को 18 अक्टूबर को मनाई जाएगी. यह तिथि दोपहर 12:18 बजे से शुरू होकर 19 अक्टूबर को दोपहर 1:51 बजे तक रहेगी. ज्योतिषियों के अनुसार धनतेरस पर खरीदारी और पूजन के लिए विशेष मुहूर्त इस प्रकार हैं:
1. सुबह 8:50 बजे से 10:33 बजे तक
2. सुबह 11:43 बजे से दोपहर 12:28 बजे तक
3. शाम 7:16 बजे से रात 8:20 बजे तक
चौघड़िया मुहूर्त:
शुभ काल: सुबह 7:49 बजे से 9:15 बजे तक
लाभ उन्नति मुहूर्त: दोपहर 1:32 बजे से 2:57 बजे तक
अमृत काल: दोपहर 2:57 बजे से शाम 4:23 बजे तक
चर काल: दोपहर 12:06 बजे से 1:32 बजे तक
पूजन का मुहूर्त:
धनतेरस पर क्या खरीदें और क्या न खरीदें
धनतेरस पर खरीदारी का भी विशेष महत्व है. ज्योतिषियों के अनुसार इस दिन कुछ वस्तुओं की खरीदारी शुभ मानी जाती है:
- खरीदें: सोना, चांदी, बर्तन, झाड़ू, मां लक्ष्मी की मूर्ति, दक्षिणवर्ती शंख, कुबेर यंत्र, गोमती चक्र, कौड़ियां, धनिया, मां लक्ष्मी के चरण चिन्ह.
- न खरीदें: तेल, प्लास्टिक की वस्तुएं, काले रंग के वस्त्र, जूते और कांच के बर्तन.