Yama Deepak Ritual on Dhanteras
कहानी के अनुसार प्राचीन काल में हेम नामक राजा को पुत्र प्राप्त हुआ था, जिसकी कुंडली में भविष्यवाणी थी कि उसकी मृत्यु शादी के चौथे दिन हो जाएगी. जब यमराज पुत्र को लेने आए, तो धनतेरस की रात उनके नाम पर जलाए गए अनगिनत दीपों की रोशनी ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। तभी से यम दीपक जलाने की परंपरा चली आ रही है.
इस साल, 18 अक्टूबर 2025 को शाम 5:48 बजे से 7:05 बजे तक यम दीपक जलाना शुभ माना गया है. इसे घर की पवित्र खिड़की या मुख्य द्वार के बाहर दक्षिण दिशा में रखने से घर के सदस्यों को दीर्घायु, शांति और दैवीय सुरक्षा मिलती है.
यम दीपक के लिए चौमुखी आटे का दीया या किसी पवित्र सामग्री का दीया इस्तेमाल किया जा सकता है. यदि आटे का दीया प्रयोग किया जा रहा है तो उसमें रोली की बत्ती जलाना उत्तम होता है. दीपक जलाते समय मुख्य मंत्र का जाप करें ॐ सूर्य-पुत्रये विद्महे महाकालये धीमहि तन्नो यमः प्रचोदयात्. दीपक जलाने के बाद मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा की ओर गेहूं या मुरमुरे (खील) के ढेर पर दीया रखें. यह अनुष्ठान यमराज की कृपा को आकर्षित करता है और परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है.
धनतेरस पर कुछ चीजों का दान करने से बचना चाहिए। विशेष रूप से धन या सिक्कों का दान इस दिन उचित नहीं माना जाता क्योंकि धन ईश्वर की दिव्य ऊर्जा का प्रतीक है. वहीं, तेल और घी का प्रयोग दीपक में करना शुभ माना जाता है क्योंकि यह पवित्रता, प्रकाश और सौभाग्य का प्रतीक हैं.
FSSAI ने ‘Tea’ को लेकर नया अलर्ट जारी किया है. जिससे हर्बल-टी और फ्लेवर्ड ड्रिंक्स…
PAN-Aadhaar Link Alert: PAN आधार से लिंक नहीं है तो सावधान! 31 दिसंबर की डेडलाइन के…
Today panchang 26 December 2025: आज 25 दिसंबर 2025,शुक्रवार का दिन पौष माह के शुक्ल…
Aaj ka Love Rashifal 26 December 2025: प्यार और रोमांस के मामले में शुक्रवार (26…
Zepto Blinkit Strike News: 31 दिसंबर, नए साल की शाम के लिए एक और हड़ताल की…
Shujalpur Child Lost School Bag Story: शुजालपुर में कक्षा 3 की छात्रा का सवारी ऑटो में…