Disha Shool Niyam: वास्तु शास्त्र और ज्योतिष में दिशाओं को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. माना जाता है कि घर बनाने या सही दिशा में यात्रा करने से समस्याओं का आसानी से समाधान हो सकता है. हालांकि, गलत दिशा नुकसान के अलावा कुछ नहीं कर सकती. ज्योतिष में दिशा शूल एक ऐसा तरीका है जो सही और गलत दोनों दिशाओं के बारे में गाइडेंस देता है.
आइए समझते हैं कि दिशा शूल का क्या मतलब है और यह दिशा से कैसे जुड़ा है.
दिशा शूल क्या है? ( What is Disha Shool)
शास्त्रों के अनुसार, दिशा शूल को बहुत ही अशुभ योग माना जाता है. माना जाता है कि जिस दिशा में यह योग बनता है, उस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए. ऐसी दिशा में यात्रा करने से काम में रुकावट आ सकती है और पूरा दिन खराब हो सकता है. इसी वजह से कहा जाता है कि किसी भी ज़रूरी काम या लंबी यात्रा के लिए घर से निकलने से पहले यह ज़रूर देख लेना चाहिए कि बुरी नज़र किस दिशा में है. अगर पता चले कि जिस दिशा में आप जा रहे हैं, वहां बुरी नजर बन रही है, तो यात्रा टाल देना ही बेहतर है.
हफ्ते के किस दिन किस दिशा पर असर होता है?
मान्यता के अनुसार, हफ्ते के हर दिन एक खास दिशा पर बुरी नजर का असर होता है. जिस दिशा में बुरी नजर हो, उस दिशा में यात्रा करना अशुभ माना जाता है, क्योंकि इससे रुकावटें, देरी और अनचाहा तनाव हो सकता है.
1. सोमवार और शनिवार को पूर्व दिशा अशुभ मानी जाती है. इन दिनों पूर्व दिशा की यात्रा करने से बचना ही बेहतर है. अगर काम बहुत जरूरी है, तो एक उपाय किया जा सकता है.
2. मंगलवार और बुधवार को उत्तर दिशा पर बुरी नजर का असर होता है, इसलिए इन दिनों उत्तर दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए.
3.बुधवार को दिशा शूल कम करने के लिए तिल और धनिया खाकर अपनी यात्रा शुरू करें. इसके अलावा, ऐसा माना जाता है कि बुधवार और शनिवार को उत्तर-पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए.
3. गुरुवार को दिशा शूल दक्षिण दिशा में होता है. इसलिए, गुरुवार को दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करना शुभ नहीं माना जाता है. अगर यात्रा करना जरूरी हो, तो घर से निकलने से पहले दही खाना फायदेमंद माना जाता है.
4. शुक्रवार और रविवार को पश्चिम दिशा में दिशा शूल होता है. अगर यात्रा टाली नहीं जा सकती, तो शुक्रवार को जौ और रविवार को दलिया खाकर निकलना शुभ माना जाता है.