होम / धर्म / Don't let your Imagination Hinder your Hearing! सुनने में आपकी कल्पना बाधा तो नहीं बनती!

Don't let your Imagination Hinder your Hearing! सुनने में आपकी कल्पना बाधा तो नहीं बनती!

PUBLISHED BY: India News Editor • LAST UPDATED : September 24, 2021, 1:57 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

Don't let your Imagination Hinder your Hearing! सुनने में आपकी कल्पना बाधा तो नहीं बनती!

sunane me badha

Don’t let your Imagination Hinder your Hearing!

ओशो

ओशो कहते हैं कि जब आप अपनी संपूर्णता के साथ सुनते हैं तो यह समग्रता के साथ सुनना कहलाता है।

बौद्धिक तरीके से सुनने का अर्थ है कि सुनने के साथ-साथ एक ही समय पर आप उसपर बहस भी कर रहे हैं। ऐसे में एक तर्क निरंतर मन में चल रहा होता है। मैं आपसे कुछ कह रहा हूं और आप सुन रहे हैं और आपके भीतर एक बहस लगातार चल रही होती है कि जो कहा जा रहा है, क्या यह सही है या गलत। आप उस बात की तुलना अपने सिद्धांत, विचारधारा और अपनी सोच की प्रणाली से कर रहे होते हैं। इस तरह से किसी को सुनना कैसे संभव हो सकता है? जबकि आप खुद में ही इतने भरे हुए हैं।

अगर आप बात की समझ की गहराई में जाते हैं कि क्या कहा गया है तो आपको इस आंतरिक अशांति को रोकना चाहिए। अन्यथा आपकी समझ कुछ और ही होगी और आप लगातार उन संभावनाओं को खुद ही नष्ट कर देंगें जो कुछ और हो सकती थी। आप उस संभावना को खो सकते हैं और हर कोई उसे ज्यादातर खो ही रहा है। हम अपने दिमाग को बंद कर जीते हैं और हम उस बंद मानसिकता को हर जगह ढ़ोते चलते हैं। इसलिए जो भी हम देखते हैं, जो भी हम सुनते हैं और जो कुछ भी हमारे चारो ओर हो रहा होता है, वह कभी भी सीधे तौर पर हमारी आंतरिक चेतना से जुड़ ही नहीं पाया है। दिमाग हमेशा खतरनाक चालों के बीच फंसा रहता है।

Don’t let your Imagination Hinder your Hearing!

किसी को इस बात के प्रति जागरूक होना चाहिए कि क्या हो रहा है। सुनने का पहला क्रम यह है कि गहराई में जाएं। सुनने का दूसरा स्तर यह है कि इस बात के प्रति सावधान रहें कि आपका दिमाग आपके साथ क्या कर रहा है। यह आपके और सुनने की प्रक्रिया के बीच में आ रहा है। जहां भी आप जाते हैं, आपसे पहले आपका दिमाग वहां पहुंच जाता है। यह कोई छाया नहीं है जो पीछे-पीछे चलता है। बल्कि आप इसकी छाया बन गए हैं। दिमाग कल्पनाओं को जन्म देता है। तो पहला काम यह होगा कि इससे दूरी बनाए रखें। यह आपकी पहचान नहीं है। याद रखें कि आप दिमाग से नहीं है।
पहला काम है सुनना और फिर यह दूसरे स्तर पर चला जाता है। दूसरी चीज है भावना जो दिल की गहराई से महसूस की जाती और जिसमें सहानुभूति और भावुकता होती है। यह एक प्रकार का प्रेम दशार्ने वाला रवैया है। जब आप कोई संगीत सुनते हैं या कोई नृत्य देखते हैं तब आप बौद्धिकता को याद नहीं रखते, बल्कि आप उसमें सम्मिलित होने लगते हैं या उसका हिस्सा बन जाते हैं। इसलिये जब भी आप अपने दिल या भावनाओं के साथ कुछ सुनते हैं तो आप उसमें मगन हो जाते हैं। आपको ऐसा लगता है कि आप कहीं और पहुंच गये हैं और आप इस दुनिया में नहीं हैं। वास्तविकता में आप इसी दुनिया में हैं लेकिन आप महसूस करते हैं कि आप इस दुनिया में नहीं हैं। ऐसा क्यों होता है? क्योंकि आप इस दुनिया में बौद्धिकता के साथ नहीं हैं। एक अलग आयाम खुलता है और आप इसमें सक्रिय होना शुरू कर देते हैं। बौद्धिकता हमेशा बाहर खड़े होकर दर्शक की भांति देखती है और इसमें कभी प्रवेश नहीं करती। इसलिये दुनिया में जितनी बौद्धिकता बढ़ेगी, हर चीजों की समीक्षा उतनी ही अधिक निष्क्रियता के साथ होगी। आप नृत्य नहीं करेंगें लेकिन आप दूसरों का नृत्य देख सकेंगें। अगर यह दिन-ब-दिन होता रहा तो शीघ्र ही आप कुछ नहीं कर रहे होंगें बल्कि आप दूसरों को करते हुए देख रहे होंगें। आप उस चीज से प्यार नहीं करेंगें बल्कि आप दूसरों को उससे प्यार करते देखेंगें। आप केवल एक मृत और निष्क्रिय दर्शक हैं। दूसरा केंद्र है और अधिक संलिप्तता। आप हिस्सा लेना शुरू कर देते हैं।

आप और अधिक समझ पायेंगें जब आप भाग लेना शुरू करते हैं क्योंकि जिस पल आप सहानुभूति रखते हैं, आपका दिमाग खुला रहता है। उस पल से भी अधिक खुला होता है जब आप निरंतर किसी लड़ाई में होते हैं। यह खुला, ग्रहणशील और किसी भी चीज को आमंत्रित करने के लिए तैयार रहता है। यही वह प्रक्रिया है जिसमें कोई भावना के माध्यम सुन सकता है। लेकिन अब भी इसमें भावना से भी अधिक गहराई है और उस गहराई को मैं समग्रता के साथ सुनना कहूंगा और वो भी आपकी संपूर्णता के साथ क्योंकि महसूस करना अभी भी एक हिस्सा है। बौद्धिकता एक हिस्सा है, भावना एक हिस्सा है और कार्रवाई का स्रोत दूसरा। आपके अस्तित्व के कई हिस्से हैं। आप भावना के साथ सुनना को बौद्धिकता के साथ सुनने की तुलना में बेहतर मान सकते हैं लेकिन अभी भी यह एक हिस्सा है। और जब आप भावना के साथ सुन रहे होते हैं तो बौद्धिकता गहरी नींद में चली जाएगी, अन्यथा यह परेशान करेगी। यह बस गहरी नींद में चली जाएगी। तीसरा समग्रता के साथ सुनना है और इसमें भाग लेना नहीं है पर इसके साथ होना है। पहला रास्ता बौद्धिकता के साथ नृत्य देखना है, दूसरा नृत्य को महसूस करना और उसमें भाग लेने की शुरूआत करना है।

आप अपनी सीट पर बैठे हैं और नृत्यांगना नृत्य कर रही है। आप भाग लेना शुरू कर देते हैं और हर बीट को पकड़ना शुरू कर देते हैं। और तीसरा रास्ता स्वंय नृत्य करना होता है ना कि नर्तकी नाचती है। आप इसमें पूरी तरह लिप्त हो जाते हैं। आप इसे केवल महसूस ही नहीं कर रहे होते हैं बल्कि यह आप ही हैं। इसलिये याद रखें की गहरी जानकारी तभी संभव है जब आप किसी चीज में मिलकर एक हो जाते हैं। यह विश्वास से होता है।

Must Read:-   बिना परमिशन नहीं कटेंगे आपके खाते से पैसे, 1 अक्टूबर से लागू होगा नया ऑटो डेबिट पेमेंट सिस्टम

Connect With Us: Twitter Facebook

Tags:

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

चैन की नींद सो रहे थे मासूम और…रात के अंधेरे में मौत ने कर दिया तांडव, वीडियो देख कांप जाएगी रूह
चैन की नींद सो रहे थे मासूम और…रात के अंधेरे में मौत ने कर दिया तांडव, वीडियो देख कांप जाएगी रूह
Nitish Kumar: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे प्रगति यात्रा का शुभारंभ, पश्चिम चंपारण के लिए होंगे रवाना
Nitish Kumar: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे प्रगति यात्रा का शुभारंभ, पश्चिम चंपारण के लिए होंगे रवाना
हार्ट की नली में बलगम की तरह जम गई है गंदगी, नही चल रहा पता? बस ये 3 चीज कर देंगी आपके दिल का पर्दा फाश!
हार्ट की नली में बलगम की तरह जम गई है गंदगी, नही चल रहा पता? बस ये 3 चीज कर देंगी आपके दिल का पर्दा फाश!
Delhi Mahila Samman Yojana: अरविंद केजरीवाल करेंगे आज से योजना की शुरुआत! जानें रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया और लाभ
Delhi Mahila Samman Yojana: अरविंद केजरीवाल करेंगे आज से योजना की शुरुआत! जानें रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया और लाभ
पीलीभीत में एनकाउंटर, पंजाब पुलिस पर हमला करने वाले तीन आतंकवादी ढेर
पीलीभीत में एनकाउंटर, पंजाब पुलिस पर हमला करने वाले तीन आतंकवादी ढेर
Jaipur Engineer Suicide: ससुराल वालों के डर से इंजीनियर ने मौत को लगाया गले, मरने से पहले MAA से मांगी माफी
Jaipur Engineer Suicide: ससुराल वालों के डर से इंजीनियर ने मौत को लगाया गले, मरने से पहले MAA से मांगी माफी
Bihar Robbery: कटिहार के किराना दुकान में चोरी, 7 किलो लहसुन के साथ 25 हजार का सामान चुराया
Bihar Robbery: कटिहार के किराना दुकान में चोरी, 7 किलो लहसुन के साथ 25 हजार का सामान चुराया
Delhi Elections 2025: नई दिल्ली से चुनाव लड़ने की संदीप दीक्षित ने खुद बताई वजह! जानें क्या कुछ कहा
Delhi Elections 2025: नई दिल्ली से चुनाव लड़ने की संदीप दीक्षित ने खुद बताई वजह! जानें क्या कुछ कहा
बुलंदशहर में इंडिया न्यूज़ की खबर का बड़ा असर, ब्लैक में बिक रहे गोल्ड मोहर पान मसाला हुआ सस्ता
बुलंदशहर में इंडिया न्यूज़ की खबर का बड़ा असर, ब्लैक में बिक रहे गोल्ड मोहर पान मसाला हुआ सस्ता
भरे कचरे से पक कर गलने लगा है लिवर, कर लें उपाय झमाझम पचने लगेगा खाना, कभी नही होगी कोई परेशानी!
भरे कचरे से पक कर गलने लगा है लिवर, कर लें उपाय झमाझम पचने लगेगा खाना, कभी नही होगी कोई परेशानी!
अतुल सुभाष जैसा मामला आया सामने, पत्नी और ससुराल वालो से परेशान था शख्स, हाईकोर्ट ने मामले को बताया पति के साथ ‘क्रूरता’
अतुल सुभाष जैसा मामला आया सामने, पत्नी और ससुराल वालो से परेशान था शख्स, हाईकोर्ट ने मामले को बताया पति के साथ ‘क्रूरता’
ADVERTISEMENT