संबंधित खबरें
साल 2025 लगते ही इन 3 राशियों पर कहर की तरह बरसेंगे शनि महाराज, हर क्षेत्र में खड़ा करेंगे मुश्किलों के पहाड़
क्या आपको भी सोते समय आते है शारीरिक संबंध बनाने के सपने? क्या होता है ऐसे सपनो का मतलब, जानें सब कुछ
पिता से ज्यादा पति के लिए भाग्य का भंडार होती है ऐसी लड़कियां, पसंद करने जाए लड़की तो देख ले उसकी उंगली पर ये एक साइन?
इन लोगों को भूलकर भी नहीं पहनना चाहिए रुद्राक्ष, शिव जी का ऐसा प्रकोप दिखाता है कि…?
जब कर्ण की ओर आग-बबूला हो गदा लेकर दौड़े थे हनुमान, फिर किसने किया था बजरंग बली का गुस्सा शांत और बचाई थी कर्ण की जान?
इस देवता की मृत्यु के बाद क्यों उनके शरीर की राख को 8 भागों में कर दिया गया था विभाजित?
मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद् :
Durga Ashtami Poojan Vidhi 2022 : बहुत से लोग नवरात्रि में 9 दिन तक व्रत रखते हैं। नवरात्रि के अष्टमी और नवमी के दिन लोग हवन पूजन करने के बाद कन्या पूजन और कन्या भोजन कराकर व्रत का पारण करते हैं। जो लोग 9 दिन का व्रत नहीं रह पाते हैं, वो अष्टमी का व्रत रखते हैं। कुछ लोगों के यहां कन्या पूजन नवमी के दिन करने का विधान है। अष्टमी तिथि 8 अप्रैल की रात 11:05 बजे से शुरू होगी जो 9 अप्रैल की रात 01:23 बजे तक रहेगी। अष्टमी के दिन यानी 9 अप्रेल के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06:02 बजे तक है, सुकर्मा योग दिन में 11:25 बजे से लगेगा। दिन का शुभ मुहूर्त 11:58 बजे लेकर दोपहर 12:48 बजे तक है. आप इन शुभ समय में कन्या पूजन कर सकते हैं।
ऐसी मान्यता है कि चैत्र नवरात्रि के नवमी को अयोध्या के राजा राम का जन्म हुआ था। इसलिए नवरात्रि के नौंवे दिन रामनवमी के रात को लोग रामजन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं। इस बार नवमी तिथि का प्रारंभ 10 अप्रैल की रात 01:23 बजे से हो रहा है, जो 11 अप्रैल की सुबह 03:15 बजे तक है। इस दिन सुकर्मा योग दोपहर 12:04 बजे तक है।
10 अप्रैल को रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन है। अतः इस दिन आप कभी भी कन्या पूजन व कन्या भोजन करा सकते हैं।
दुर्गाष्टमी को कन्या पूजन करके व्रतादि का उद्यापन करना शुभ रहेगा। अष्टमी पर 9 वर्ष की कन्या 9 कन्याओं तथा एक बालक को अपने निवास पर आमंत्रित करें। उनके चरण धोएं। मस्तक पर लाल टीका लगाएं, कलाई पर मौली बांधें। लाल पुष्पों की माला पहनाएं उनका पूजन करके उन्हें हलुवा, पूरी, काले चने का प्रसाद दें या घर पर ही इसे खिलाएं। चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लें ।उन्हें लाल चुनरी या लाल परिधान तथा उचित दक्षिणा एवं उपयोगी उपहार सहित विदा करें । आज कन्या रक्षा का भी संकल्प लें ।
देवी का अष्टम स्वरुप महागौरी का है ।इसे श्री दुर्गाष्टमी भी कहा जाता है। भगवती का सुंदर ,सौम्य ,मोहक स्वरुप महागौरी में विद्यमान है। वे सिंह की पीठ पर सवार हैं। मस्तक पर चंद्र का मुकट सुशोभित है। चार भुजाओं में शंख, चक्र,धनुष और बाण हैं। सबसे महत्वपूर्ण है कि माता का यह स्वरुप सौन्दर्य से संबंधित है। इनकी आराधना से सौन्दर्य प्रदान होता है।जो युवक युवतियां सौन्दर्य के क्षेत्र में जाने के इच्छुक हैं, वे आज महागौरी की आराधना करें।
फिल्म, ग्लैमर व रंगमंच की दुनिया की इच्छा रखने वाले या सौन्दर्य प्रतियोगिताओं में भाग लेने जा रहे, युवा वर्ग आज व्रत के साथ साथ निम्न मंत्र का जाप भी अवश्य करे। जिनके वैवाहिक संबंध सुंदर न होने के कारण नहीं हो रहे या टूट रहे हों वे आज अवश्य उपासना करें। चौकी पर श्वेत रेशमी वस्त्र बिछा कर माता की प्रतिमा या चित्र रखें । घी का दीपक जला कर चित्र पर नैवेद्य अर्पित करें ।दूध निर्मित प्रसाद चढ़ाएं।
मंत्र- ओम् ऐं हृीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै! ओम् महागौरी देव्यै नमः!!
की एक या 11 माला करें ।अपनी मनोकामना अभिव्यक्त करें। आज अष्टमी पर मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी ।
शास्त्रों में कहा गया है कि नौ देवियों के रूप में अष्टमी या नवमी के दिन व्रत का परायण करने से पहले नौ कन्याओं का पूजन करना चाहिए। ये नौ कन्याएं नौ देवियों का ही रूप हैं। हर कन्या एक देवी का रूप है जिसका पूजन करते हुए उपासक परोक्ष रूप से उस देवी का ही पूजन करता है।
इसमें दो साल की बच्ची कुमारी, तीन साल की त्रिमूर्ति, चार साल की कल्याणी, पांच साल की रोहिणी, छ: साल की कालिका, सात साल की चंडिका, आठ साल की शाम्भवी, नौ साल की दुर्गा और दस साल की कन्या सुभद्रा का स्वरूप होती हैं। जरूरी नहीं कि नौ ही कन्याएं पूजन के लिए आएं अगर ज्यादा कन्याएं आ गई हैं तो उनका भी विधिवत पूजन करें और प्रसाद वितरित करें। अगर कन्याओं की संख्या ज्यादा न हो पाए तो भी चिंता न करें, केवल दो कन्याओं को पूजने से भी व्रत का परायण संपन्न हो सकता है। बस इस बात का ध्यान रखें कि कन्याओं की उम्र 9 साल से ज्यादा न हो।
वैसे भी शास्त्रों के अनुसार एक कन्या की पूजा से ऐश्वर्य की प्राप्त होती है। दो कन्याओं की पूजा से भोग और मोक्ष साथ साथ मिलते हैं। तीन कन्याओं के पूजन से धर्म के साथ साथ अर्थ व काम की भी प्राप्ति होती है। चार कन्याओं की पूजा से राजयोग मिलता है और पांच कन्याओं के पूजन से विद्या धन की प्राप्ति होती है। छह कन्याओं का पूजन छह तरह की सिद्धि दिाता है और सात कन्याओं का पूजन राज्य में राज का सुख मिलता है। आठ कन्याओं के पूजन से संपूर्ण संपदा और नौ कन्याओं के पूजन से धरती के प्रभुत्व की प्राप्ति होती है।
वैसे समय अब काफी मॉडर्न हो गया हैं इसलिए आप प्रसाद के साथ उन्हें मनपसंद चीजें उपहार में भी दे सकते हैं क्योंकि गिफ्ट पाकर हर बच्चा खुश होता है। बाजार में आपको ऐसी बहुत सारी चीजें मिल जाएंगी जिन्हें आप कंजक पूजन में बच्चों को दे सकते हैं। ध्यान रहें ऐसी कोई भी गिफ्ट उन्हें ना दें जो उनके काम ना आए। ये उपहार उनकी उम्र के हिसाब से हो तो अच्छा है। कंजक पूजन में दिए जाने वाले गिफ्ट को लेकर बाजारों में खूब धूम मची हुई हैं। बस अपनी पसंद की चीजें लाएं और बच्चों को खुश करें।
एक्सेसरीज- लड़कियों को एक्सैसरीज बहुत पसंद आती है। आप उनके लिए नेकलेस, कलरफुल बैंग्ल्स ब्रैस्लेट हेयरबैंड क्लिप्स हेयरपिन छोटे इयररिंग आदि दे सकते हैं। लेकिन ये चीजें 6 से 9 साल की लड़कियों को दें तो अच्छा हैं क्योंकि वह इन चीजों का इस्तेमाल करना बखूबी जानती हैं।
स्टेशनरी- छोटे बच्चों को स्टेशनरी का सामान गिफ्ट में दिया जाए तो सबसे बढ़िया हैं ये चीजें उनके बहुत काम आती हैं। आप उन्हें पैंसिल बॉक्स, शॉर्पनर, पेंन, रबड़ और ड्राइंग कलर दे सकते हैं। अगर बच्चे 4 से 5 साल के हैं तो उन्हें आप कविता-कहानी से जुड़ी किताबें भी दे सकते हैं।
Also Read : Durgashtami 2022 : 9 अप्रैल को मनाई जाएगी दुर्गाष्टमी, दिनभर में कभी भी कर सकते हैं महापूजा
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.