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नागों ने पाताल लोक में भीम की ऐसे बचाई थी जान, बलशाली बनने के पीछे की कहानी जान रह जाएंगे हैरान

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : September 16, 2024, 6:58 pm IST
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नागों ने पाताल लोक में भीम की ऐसे बचाई थी जान, बलशाली बनने के पीछे की कहानी जान रह जाएंगे हैरान

Story of Bhim: दुर्योधन हस्तिनापुर राज्य पर राज करना चाहता था। इसके लिए दुर्योधन ने हर अनुचित तरीका अपनाया। वह पांचों पांडवों से नफरत करता था और हमेशा उन्हें मारने की साजिश रचता था। पांचों पांडवों में से वह भीम को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता था।

India News (इंडिया न्यूज), Story of Bhim: महाभारत का युद्ध धृतराष्ट्र के अपने पुत्र प्रेम और दुर्योधन की महत्वाकांक्षाओं के कारण लड़ा गया था। दुर्योधन हस्तिनापुर राज्य पर राज करना चाहता था। इसके लिए दुर्योधन ने हर अनुचित तरीका अपनाया। वह पांचों पांडवों से नफरत करता था और हमेशा उन्हें मारने की साजिश रचता था। पांचों पांडवों में से वह भीम को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता था।

भीम के खिलाफ षड्यंत्र

दुर्योधन कुश्ती में माहिर था। भीम भी इस खेल में माहिर थे। बचपन से ही भीम दुर्योधन को इस खेल में चुनौती देते थे। इस वजह से दुर्योधन के मन में बचपन से ही भीम के प्रति काफी दुश्मनी थी। दुर्योधन का मानना ​​था कि अगर वह किसी तरह भीम को मार देगा तो वह युधिष्ठिर, अर्जुन और उसके सभी भाइयों को कैद करके पूरे राज्य पर राज कर लेगा। मामा शकुनि लगातार दुर्योधन को इसके लिए प्रोत्साहित करता था। इस वजह से दुर्योधन ने भीम को कालकूट विष देने की योजना बनाई।

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दुर्योधन ने दिया था विष

एक बार शकुनि के उकसाने पर दुर्योधन ने भीम को जहर देकर मारने की योजना बनाई। इसके लिए दुर्योधन ने एक षड्यंत्र रचा। दुर्योधन ने सभी पांडवों को जल क्रीड़ा का आनंद लेने के लिए बुलाया। इसके लिए दुर्योधन ने गंगा नदी के तट पर सभी लोगों के भोजन और रहने की विशेष व्यवस्था की। भीम को मारने के लिए दुर्योधन उदयनक्रीडन नामक स्थान विकसित किया गया था। इस स्थान पर पांडवों के लिए हर सुविधा का प्रबंध किया गया था। दुर्योधन के आग्रह पर सभी पांडव यहां पहुंचे थे। दुर्योधन ने भीम के लिए विशेष व्यंजन तैयार किए लेकिन उसने इसमें कालकूट नामक खतरनाक जहर मिला दिया। इस जहर को पीने के बाद भीम बेहोश हो गए। दुर्योधन ने भीम को रस्सियों से बांध दिया और उसे गंगा नदी में धकेल दिया।

भीम पर सांपों का हमला

भीम अचेत अवस्था में पाताल लोक पहुंचे। अचेत अवस्था में भीम पर सांपों ने हमला कर दिया। सांप के काटने से भीम का जहर कम होने लगा। सांप के काटने से भीम का पूरा जहर उतर गया और उन्हें होश आ गया। होश में आते ही भीम को नागलोक के राजा वासुकि के सामने पेश किया गया। जहां वासुकि के साथी सांप आर्यक ने भीम को पहचान लिया। आर्यक भीम के नाना थे। जब नाग राज वासुकि को इस बात का पता चला तो वे बहुत खुश हुए और भीम को उपहार देने का आदेश दिया।

भीम को मिली हाथियों की शक्ति

वासुकी के उपहार देने के आदेश पर आर्यक कहता है, “महाराज, आप इस धन-संपत्ति और रत्नों का क्या करेंगे? अगर आपकी आज्ञा हो तो मुझे भीम के शरीर में बचा हुआ विष पीने की आज्ञा दीजिए। ऐसा करने से भीम में हज़ारों हाथियों का बल आ जाएगा।” वासुकी आर्यक को विष पीने का आदेश देते हैं। इसके बाद भीम शक्तिशाली बन जाते हैं।

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