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Dussehra 2021 date/Vijayadashami 2021 date दशहरा या विजयदशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्म में दशहरा के पर्व का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री राम ने अहंकारी रावण का वध किया था। कुछ लोग इस त्योहार को आयुध पूजा (शस्त्र पूजा) के रूप में भी मनाते हैं।
हिंदू पचांग के अनुसार, दीवाली से ठीक 20 दिन पहले आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है इसके साथ ही इस दिन ही मां दुर्गा नें असुर महिषासुर का भी वध किया था। इस कारण ही इस दिन भगवान राम के साथ मां दुर्गा के भी पूजन का विधान है। नौ दिनों तक मां दुर्गा के नवरात्रि पूजन के बाद दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है।
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नवरात्रि की शुरूआत 7 अक्टूबर को होगी और महानवमी 14 अक्टूबर को होगी। नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इसके अगले दिन दशहरा मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार दशहरा का पर्व दिवाली से 20 दिन पूर्व मनाया जाता है। दशहरा का पर्व आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी की तिथि को मनाया जाता है।
इस साल दशमी की तिथि 14 अक्टूबर को शाम 06.52 बजे से शुरू होकर 15 अक्टूबर को सांय काल 06.02 बजे तक रहेगी। इसके बाद एकादशी तिथि लग जाएगी। इस साल दशहरा 15 अक्टूबर, दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा।। दशहरा के पूजन का शुभ मुहूर्त विजय मुहूर्त होगा। जो कि 15 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 02 मिनट से 02 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त का समय लगभग 50 मिनट के आस-पास है।
क्षत्रिय एंव योद्धा इस दिन अपने शस्त्रों की पूजा करते हैं। प्रात: काल उठकर परिवार के सभी सदस्यों को स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए। सभी शस्त्रों पर गंगाजल छिड़कर उन्हें पवित्र कर शस्त्रों पर हल्दी या कुमकुम का तिलकतिलक लगाकर पुष्प अर्पित करें।
शस्त्र पूजन के समय फूलों के साथ शमी के पत्ते भी अर्पित करें। इस दिन महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा करनी चाहिए। इससे सम्पूर्ण बाधाओं का नाश होगा और जीवन में विजय श्री प्राप्त होगी। नवग्रहों को नियंत्रित करने के लिए भी दशहरे की पूजा अद्भुत मानी जाती है।
(Dussehra 2021 date/Vijayadashami 2021 date)
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