होम / 2 दिन बाद आ रही हैं मां शैलपुत्री, नवरात्रि पर खुश कर दिया तो वरदान में मिलेंगी ये 5 चीजें, पलट जाएगी किस्मत

2 दिन बाद आ रही हैं मां शैलपुत्री, नवरात्रि पर खुश कर दिया तो वरदान में मिलेंगी ये 5 चीजें, पलट जाएगी किस्मत

Preeti Pandey • LAST UPDATED : September 30, 2024, 2:54 pm IST
2 दिन बाद आ रही हैं मां शैलपुत्री, नवरात्रि पर खुश कर दिया तो वरदान में मिलेंगी ये 5 चीजें, पलट जाएगी किस्मत

First Day Of Navratri 2024: सनातन धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है।

India News (इंडिया न्यूज़), First Day Of Navratri 2024: सनातन धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है। नवरात्रि के 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो रही है, जो नवमी के दिन समाप्त होगी। धार्मिक मान्यता के अनुसार इन नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री को किन चीजों का भोग लगाना चाहिए, जिससे माता रानी की कृपा प्राप्त हो।

नवरात्रि के पहले दिन क्या चढ़ाएं?

अयोध्या के ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है। इस साल नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 12 अक्टूबर को नवमी के दिन समाप्त होगी। नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा का विशेष महत्व है। देवी को सफेद रंग बहुत प्रिय माना जाता है, इसलिए उन्हें सफेद रंग की चीजें अर्पित करना शुभ होता है। इसमें बर्फी, घर में बने दूध से बनी खीर, रबड़ी जैसे प्रसाद शामिल हैं। माता शैलपुत्री को ये चीजें अर्पित करने से वे जल्दी प्रसन्न होती हैं और भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

ये मूलांक वाले लोग अगर डेट पर जा रहे हैं तो हो जाएं सावधान, इन जातकों को हो सकता है भारी नुकसान!

माँ शैलपुत्री के कई प्रतीक हैं

माँ शैलपुत्री मूलाधार चक्र का प्रतीक हैं, मूलाधार चक्र मानव जीवन की स्थापना को नियंत्रित करता है। आध्यात्मिक प्रथाओं में, मूलाधार चक्र स्थिरता, सुरक्षा और आधार है।

प्रकृति का सार हैं माँ शैलपुत्री।

बैल के अलावा, माँ शैलपुत्री शक्ति और धैर्य का प्रतीक हैं।

माँ शैलपुत्री का त्रिशूल इच्छा, क्रिया और ज्ञान के बीच संतुलन का प्रतीक है।

माँ शैलपुत्री का कमल पवित्रता और आध्यात्मिक जागृति का प्रतीक है। माँ शैलपुत्री को सभी वैष्णव प्राणियों की रक्षक माना जाता है।

साफ-सफाई का ध्यान रखें

इन सभी चीजों के साथ-साथ साफ-सफाई का भी ध्यान रखें। नवरात्रि के पहले दिन सुबह जल्दी उठकर पूरे घर की सफाई करें। फिर मंदिर को भी साफ करें और नया कपड़ा बिछाएं। सभी मूर्तियों पर तिलक लगाएं। इसके बाद पूजा करें। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना भी की जाती है।

क्या है मंत्र?

या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:..

वन्दे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्‌.
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्‌..

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्.
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

नवरात्रि के दौरान अगर आ जाए पीरियड्स तो मां के इस रूप की कीजियेगा पूजा…ऐसे समय में औरतों के लिए किसी वरदान से कम नहीं ये देवी?

Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT