संबंधित खबरें
क्यों दुर्योधन की जांघ तोड़कर ही भीम ने उतारा था उसे मौत के घाट, पैर में छिपा था ऐसा कौन-सा जीवन का राज?
जो लोग छिपा लेते हैं दूसरों से ये 7 राज…माँ लक्ष्मी का रहता है उस घर में सदैव वास, खुशियों से भरी रहती है झोली
इन 4 राशियों की लड़कियों का प्यार पाना होता है जंग जीतने जैसा, स्वर्ग सा बना देती हैं जीवन
देवो के देव महादेव के माता-पिता है कौन? शिव परिवार में क्यों नहीं दिया जाता पूजा स्थान
नए साल पर गलती से भी न करें ये काम, अगर कर दिया ऐसा तो मां लक्ष्मी देंगी ऐसी सजा जो सोच भी नहीं पाएंगे आप
दान में जो दे दिए इतने मुट्ठी चावल तो दुनिया की कोई ताकत नहीं जो रोक दे आपके अच्छे दिन, जानें सही तरीका और नियम?
India News (इंडिया न्यूज), Parijaat Flower: हमारे पास इतिहास के इतने पन्ने हैं जिन्हे शायद हम अबतक पूरे पढ़ भी नहीं पाए हैं। और कई तो अभी खुलने भी बाकि हैं तो वही कई हमारी आँखों से अबतक दूर ही हैं। अजर एक पन्ना हम हम आपकी आँखों के आगे खोल देते हैं चलिए आज एक हम आपको एक ऐसे फूल के बारे में बताने जा रहे हैं जो सीधा स्वर्ग से धरती पर लाया गया था। इस फूल को “पारिजात” या “हरसिंगार” के नाम से जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह फूल स्वर्ग से धरती पर लाया गया था और इसके साथ कई कहानियाँ जुड़ी हैं।
एक कथा के अनुसार, पारिजात का वृक्ष इंद्रदेव द्वारा स्वर्ग से लाया गया था और उसे धरती पर रोपा गया। यह वृक्ष आज भी भारत में पाया जाता है और इसके फूलों की खुशबू और सुंदरता अद्वितीय है। पारिजात के फूल रात में खिलते हैं और सुबह होते-होते झर जाते हैं, इसलिए इसे “रात की रानी” भी कहा जाता है।
कौन है मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पुत्र वधु? आखिर क्यों नहीं होता उनका कभी ज़िक्र!
इसके अलावा, पारिजात के फूलों का आयुर्वेदिक महत्व भी है और इनका उपयोग विभिन्न औषधियों में किया जाता है।
पारिजात के वृक्ष की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी। यह वृक्ष देवताओं को मिला और इंद्रदेव इसे स्वर्ग ले गए। लेकिन बाद में यह वृक्ष भगवान कृष्ण और उनकी पत्नियों, सत्यभामा और रुक्मिणी, के बीच विवाद का कारण बना।
कथा के अनुसार, एक बार सत्यभामा ने पारिजात के फूल को देख कर उसकी सुंदरता और खुशबू पर मुग्ध हो गईं और कृष्ण से इसे स्वर्ग से धरती पर लाने की इच्छा व्यक्त की। कृष्ण ने उनकी इच्छा पूरी की और पारिजात के वृक्ष को स्वर्ग से धरती पर लाया।
कौन है ये जिन्हे Ambani’s ने दिया विशेष निमंत्रण? देखे वीडियो में आये नज़र!
स्वर्ग के राजा इंद्रदेव ने इस पर आपत्ति जताई, लेकिन कृष्ण ने इस वृक्ष को अपनी पत्नी सत्यभामा को उपहार स्वरूप दिया। सत्यभामा ने इस वृक्ष को अपने बगीचे में लगाया, जहां यह हर रात अद्वितीय फूलों से खिलता है।
इस वृक्ष का एक विशेष गुण यह है कि इसके फूल रात में खिलते हैं और सुबह होते ही झर जाते हैं। पारिजात के फूलों की सुंदरता और खुशबू से पूरी बगिया महक उठती है।
इस तरह, पारिजात का वृक्ष न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके पीछे की पौराणिक कथा भी इसे विशेष बनाती है।
भगवान को आता है पसीना तो मन्नत होती है पूरी, अजीबो गरीब मान्यताओं वाले है ये मंदिर
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.