India News (इंडिया न्यूज), Ganesh Festival 2023: देशभर में गणेश चतुर्थी की धूम है। श्रद्धालू ढोल-नगाड़ों के साथ 19 सितंबर 2023 को बप्पा को अपने घर में स्थापित कर उनकी पूजा अर्चना कर रहे हैं। विघ्नहर्ता, मंगलकर्ता बप्पा ने अपने आगमन से चारों तरफ हंसी और खुशी की खुशबु बीखेर दी है। ऐसी मान्यता है कि हर शुभ कार्य से पहले गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। उनकी उपासना से बिगड़े हुए हर काम भी बन जाते हैं। इस दौरान बप्पा को रोजाना उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाया जा रहा। बप्पा को मोदक, लड्डू और दूर्वा बहुत पसंद है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिंदू धर्म में बेहद पवित्र मानी जाने वाली तुलसी को गणपति पर चढ़ाना वर्जित है। पुराणों में इसके पीछे की कथा बताई गई है। आईए जानते हैं।
ये है पौराणिक कथा
इसके पीछे की क्या वजह है यह जानने के लिए आपको पौराणिक कथाओं की गलियों में लिए चलते हैं।पौराणिक मान्यता है कि एक बार गणेशजी गंगा नदी के किनारे तपस्या कर रहे थे। उस दौरान तीर्थ यात्रा पर निकली तुलसी गंगा के तट पर पहुंचीं और उन्होंने देखा कि युवा गणेशजी तपस्या में लीन हैं। गणेश जी के इस रूप पर तुलसी जी मोहित हो गईं और उनके मन में श्रीगणेश से विवाह करने की इच्छा जागी। लिहाजा उन्होंने गणेश जी का ध्यान भंग कर दिया। गणेश जी ने यह कहकर तुलसी जी का प्रस्ताव ठुकरा दिया कि वे ब्रह्मचारी हैं। विवाह प्रस्ताव ठुकराए जाने से नाराज तुलसी ने गणेशजी को शाप दिया कि उनके एक नहीं, बल्कि दो विवाह होंगे। इस पर श्री गणेश ने भी तुलसी को Curse (श्राप) दे दिया कि तुम्हारा विवाह एक असुर से होगा। इतना ही नहीं गणेश जी ने कहा कि मेरी पूजा में तुलसी चढ़ाना अशुभ माना जाएगा। तभी से ही भगवान गणेश की पूजा में तुलसी चढ़ाना वर्जित माना जाता है।
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