संबंधित खबरें
एक तवायफ के लिए जब इन 2 कट्टर पंडितों ने बदल दिया था अपना धर्म…आशिक बन कबूला था इस्लाम, जानें नाम?
दैवीय शक्तियों का आशीर्वाद किन्नरों को दिया दान… इस अशुभ ग्रह को भी शांत कर देगा जो इस प्रकार किया ये कार्य?
12 साल बाद इस राशि में बनने जा रहा है महाशक्तिशाली गजलक्ष्मी राजयोग, 2025 शुरू होते ही इन 3 राशियों को छप्पर फाड़ देंगी पैसा
आपकी नाभि का ऐसा आकार चुटकियों में बता देगा आपके सारे राज…जानें कबतक मिलेगी सफलता और कैसे खुलेंगे धन के द्वार?
शरीर के शुभ अंगों पर इन तिलों को कैसे करें एक्टिवेट? मिलेगी इतनी दौलत संभाल नहीं पाएंगे!
क्या आपकी हथेलियों में भी बनता है आधा चांद…किस्मत का अजूबा है ऐसा होना, जानें क्या है मायने?
India News (इंडिया न्यूज़),Ganesh Chaturthi 2024: भगवान गणेश (Ganesh Chaturthi 2024) का जन्म देवी पार्वती के मैल से हुआ था। लेकिन क्या यह सच है, क्या भगवान गणेश की उत्पत्ति सच में गंदगी से हुई थी। इसके लिए शास्त्रों को पढ़ना जरूरी है, जो कुछ और कहते हैं। महाभागवत उपपुराण अध्याय क्रमांक 35 के अनुसार देवी गौरी अपने शरीर पर हल्दी का लेप लगाकर स्नान के लिए जाने के लिए तैयार हुईं।
उस समय मां जगदंबा, जो पूरे ब्रह्मांड की रक्षा भी करती हैं, अपने धाम की रक्षा के बारे में सोचने लगीं। इसी बीच भगवान विष्णु की पूर्व प्रार्थना को याद करते हुए उन्होंने अपने शरीर पर लगे हल्दी के लेप का कुछ भाग लेकर एक पुत्र (गणेश) की उत्पत्ति की।
परमात्मा भगवान विष्णु के मन में विचार आया कि मैं भी किसी दिन इस भगवती का पुत्र बनूं और इनकी गोद में खेलूं (कार्तिकेय को गोद में देखकर)। ऐसा सोचकर उन्होंने मन ही मन देवी का ध्यान किया और उन्हें प्रणाम किया और जब वे वहां से चले गए तो उनकी इच्छा जानकर देवी जगदंबा ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि विष्णु! तुम मेरे पुत्र बनोगे। भगवान विष्णु स्वयं गणपति के रूप में प्रकट हुए और फिर गौरी माता ने भगवान विष्णु का ध्यान किया जिन्होंने धन्वंतरि के रूप में आयुर्वेद की स्थापना की थी।
‘अब हीरो, हीरोइन, साधु संत….’ विनेश फोगाट पर भड़के बृजभूषण सिंह, जानिए क्या कुछ कहा
स्वामी अंजनी नंदन दास के अनुसार आयुर्वेदिक हल्दी का लेप लगाकर उन्होंने भगवान विष्णु को याद किया जो धन्वंतरि के रूप में आयुर्वेद के संस्थापक हैं ताकि वे उन्हें अपनी मां के रूप में स्वीकार करें। हल्दी लगाकर माता पार्वती आयुर्वेद को बढ़ावा देना चाहती थीं, क्योंकि आयुर्वेद में हल्दी को बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। भगवान हल्दी और योनि से परे हैं लेकिन उन्होंने आयुर्वेद उपचार को बढ़ावा देने के लिए यह लीला की।
सांप काटने पर जिंदा सांप लेकर अस्पताल पहुंचे परिजन, बोले- यही कटा है…
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.