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India News (इंडिया न्यूज़), Ganesh Chaturthi 2024: पार्वती और शिव के पुत्र भगवान गणेश को बुद्धि, ज्ञान और सभी सिद्धियों का दाता कहा गया है। वे सभी देवताओं में प्रथम पूज्य हैं। इसलिए किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले हमेशा उनकी पूजा की जाती है। भगवान गणेश के जन्म को लेकर कई कथाएं और मान्यताएं हैं। हिंदू धर्म में भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की जन्म तिथि माना जाता है। इसलिए इस दिन भगवान गणेश का जन्मोत्सव गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है, जो इस साल 7 सितंबर 2024 को है। पुराणों में भगवान गणेश के सत्ययुग, त्रेतायुग और द्वापर युग में जन्म का वर्णन है। लेकिन इसके साथ ही भगवान गणेश कलियुग में भी अवतार लेंगे।
सत्य युग: माना जाता है कि भगवान गणेश ने सत्य युग में विनायक के रूप में जन्म लिया था। इस अवतार में उनका वाहन सिंह था। उन्होंने देवान्तक और नरान्तक नामक राक्षसों का वध किया और धर्म की स्थापना की।
त्रेता युग: इस युग में भगवान गणेश ने उमा के गर्भ से जन्म लिया, जिसमें उनका नाम गणेश रखा गया। इस अवतार में उनका वाहन मोर था, रंग सफेद था, उनमें छह तत्व थे और वे तीनों लोकों में प्रसिद्ध हुए। भाद्रपद शुक्ल की चतुर्थी को जन्मे, उन्होंने सिंधु नामक राक्षस का नाश किया।
द्वापर युग: द्वापर में भगवान गणेश का अवतार गजानन नाम से हुआ है। इस युग में गणपति ने माता पार्वती के गर्भ से दोबारा जन्म लिया। लेकिन जन्म के बाद किसी कारणवश माता पार्वती उन्हें जंगल में छोड़ आईं और उनका पालन-पोषण पराशर मुनि ने किया। साथ ही इस अवतार में उन्होंने सिंदुरासुर का वध भी किया था।
कलियुग: अब कलियुग के आखिर में गणेश अवतार की भी भविष्यवाणी की गई है। जिस तरह कलियुग में भगवान विष्णु के कल्कि अवतार का उल्लेख है, उसी तरह भगवान गणेश के धूम्रकेतु अवतार का भी उल्लेख है।
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गणेश पुराण के अनुसार, जब ब्राह्मणों का ध्यान वेदों के अध्ययन से हटकर दूसरे कामों में लगने लगेगा। जब धरती पर तप, जप, यज्ञ और शुभ कार्य बंद हो जाएंगे, तब धर्म की रक्षा के लिए भगवान का कलियुग अवतार प्रकट होगा। इसके साथ ही जब विद्वान लोग मूर्ख बन जाएंगे और लालच में एक-दूसरे को धोखा देकर लाभ कमाएंगे, दूसरी स्त्रियों पर बुरी नजर रखेंगे और बलवान लोग निर्बलों का शोषण करने लगेंगे, तब गणेश जी का नया अवतार आएगा।
गणेश पुराण में बताया गया है कि, जब कलियुग में लोग धर्म के मार्ग से हटकर देवताओं की जगह राक्षसों या आसुरी शक्तियों की पूजा करने लगेंगे, तब भगवान गणेश का कलियुग अवतार होगा।
स्त्रियां पतिव्रता पतिव्रता धर्म को छोड़कर धन आदि के लिए पाप का मार्ग अपनाने लगेंगी, गुरु, परिवार और अतिथियों का अपमान करने लगेंगी, तब भगवान गणेश का अवतार होगा।
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