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गणेशोत्सव के समय कितने दिनों के बाद कर सकते हैं मूर्ति का विसर्जित, अग्नि पुराण में बताया गया है इसका तरीका

BY: Himanshu Pandey • LAST UPDATED : September 6, 2024, 5:35 am IST
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गणेशोत्सव के समय कितने दिनों के बाद कर सकते हैं मूर्ति का विसर्जित, अग्नि पुराण में बताया गया है इसका तरीका

Ganesh Chaturthi 2024

India News (इंडिया न्यूज),Ganeshotsav 2024: गणेशोत्सव हिंदू धर्म में भगवान गणेश की पूजा के लिए एक विशेष त्योहार है। गणेशोत्सव भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होता है और यह त्योहार दस दिनों तक मनाया जाता है। अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन के साथ इस पावन त्योहार का समापन होता है। गणपति उत्सव के दौरान लोग अपने घरों में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कितने दिनों तक घर में गणेश जी की स्थापना की जा सकती है और विसर्जन की सही विधि क्या है।

 7 सितंबर को मनाया जाएगा गणेश चतुर्थी 

गणेश चतुर्थी का त्योहार इस बार 7 सितंबर को मनाया जाएगा। वैसे तो चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को ही शुरू हो जाएगी, लेकिन उदयातिथि की मान्यता के अनुसार 7 तारीख को ही गणेश चतुर्थी का व्रत रखना शुभ रहेगा। घर में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने के लिए सुबह 11:02 बजे से दोपहर 1:33 बजे तक का समय शुभ माना जाता है।

कितने दिनों के लिए होती है गणपति की स्थापना

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार घर में गणेश जी की स्थापना 10 दिनों के लिए करनी चाहिए. लेकिन अगर आप 10 दिनों के लिए गणेश जी की स्थापना नहीं कर पाते हैं तो आप 1, 3, 5, 7 या 10 दिनों के लिए भी घर में गणेश जी की स्थापना कर सकते हैं। घर में गणेश जी की स्थापना करने के बाद आपको कड़े नियमों का पालन करना होता है, स्थापना के बाद घर को खाली नहीं छोड़ा जाता है, यानी घर में कोई न कोई जरूर मौजूद रहना चाहिए। इसके साथ ही खान-पान का भी खास ख्याल रखा जाता है, जितने दिनों तक आपके घर में गणेश जी की स्थापना होती है, आपको सिर्फ सात्विक भोजन ही करना चाहिए। उतने दिनों तक आपको गणेश जी की पूजा भी करनी होती है और उन्हें मोदक का भोग भी लगाना होता है। इसके साथ ही कई और नियम भी हैं जिनका भक्तों को पालन करना होता है, इसीलिए कुछ लोग कम दिनों के लिए ही घर में गणेश जी की स्थापना करते हैं, तो चलिए जानते हैं गणेश जी का विसर्जन कैसे करना चाहिए।

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अग्नि पुराण के अनुसार मूर्ति विसर्जन की विधि

अग्नि पुराण में बताया गया है कि पत्थर और मिट्टी से बनी मूर्तियों को नदी में विसर्जित करना चाहिए। जबकि रत्न और धातु से बनी मूर्तियों को समुद्र में विसर्जित करना चाहिए। अगर आप अपने घर में मिट्टी या पत्थर से बनी गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने जा रहे हैं तो आपको उसे नदी के जल में प्रवाहित कर देना चाहिए। इसके साथ ही जिस दिन आप गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन करने जा रहे हैं उस दिन आपको विधि-विधान से गणेश जी की पूजा करनी चाहिए और फिर मंत्रोच्चार के साथ मूर्ति का विसर्जन करना चाहिए।

अगर आप मिट्टी और रेत की मदद से अपने घर पर मूर्ति बनाते हैं तो यह बेहतर माना जाता है, क्योंकि इन्हें नदियों में फेंकने से नदियां प्रदूषित नहीं होती हैं। जबकि बाजार में मिलने वाली ज्यादातर मूर्तियों में रसायन होते हैं जो जलीय जीवों को परेशानी पहुंचा सकते हैं। इसलिए आपको गणेश जी की मूर्ति का चुनाव बहुत सोच-समझकर करना चाहिए। अगर आप गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं और सही विधि-विधान से उसका विसर्जन करते हैं तो आपके जीवन की सभी बाधाएं दूर हो सकती हैं।

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