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क्यों है धन, ऐश्वर्य और समृद्धि के देवता कुबेर देव का वाहन कोई इंसान? यहां जानें इसके पीछे का गहरा आध्यात्मिक रहस्य

God of Wealth Kuber Dev: धन, ऐश्वर्य और समृद्धि के देवता कुबेर महाराज का वाहन कोई पशु या पक्षी नहीं है, ब्लकि एक इंसान है. तो चलिए जानते हैं कि ऐसा क्यों है ? और क्या है इसके पिछे की पौराणिक कथा

Written By: Chhaya Sharma
Last Updated: September 23, 2025 12:48:50 IST

Kuber Dev: हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं का कोई ना कोई वाहन जरूर होता है, जो उनके स्वरूप, गुण और कर्तव्यों का प्रतिनिधित्व कहता है. सभी देवी देवताओं का वाहन पशु-पक्षी ही होते है, लेकिन सिर्फ कुबेर देवता ही ऐसे है, जिनका वाहन सबसे अलग है, क्योंकि उनका वाहन कोई पशु या पक्षी नहीं, ब्लकि एक इंसान है. तो चलिए जानते हैं कि ऐसा क्यों है 

धन, ऐश्वर्य और समृद्धि के देवता कुबेर महाराज

 भगवान कुबेर को धन, ऐश्वर्य और समृद्धि का देवता माना गया है और उन्हें धनाध्यक्ष और  यक्षों के राजा की उपाधि भी मिली हुई है. पद्म पुराण और लिंग पुराण के अनुसार कुबेर जी का वाहन इंसान है, ऐसा इसलिए क्योंकि धन का स्वामी मनुष्य को ही होता है. असुर, या अन्य प्राणी भले ही बहुत ही शक्तिशाली, लेकिन धन और वैभव का असली उपयोग इंसान ने ही किया है और  कुबेर का वाहन इंसान होना भी इसी बात का प्रतीक है कि धन का अधिपत्य और नियंत्रण मानव ही कर सकता है. इसके अलावा कुबेर के वाहन का दूसरा संदर्भ ये भी संकेत है कि पैसा तभी सार्थक है, जब हम उसका सही जगह इस्तेमाल करें.

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पौराणिक कथा के अनुसार कुबेर जी का वाहन इंसान क्यों है?

पौराणिक कथा के अनुसार कुबेर जी को शिवजी के द्वारा धन और खजानों का अधिपति बनाया गया था और उस दौरान सभी देवी-देवताओं को अपने-अपने वाहन मिले थे. विष्णु को गरुड़, कार्तिकेय को मोर और इंद्र को वाहन में ऐरावत मिला था. लेकिन जब कुबेर जी को वाहन चुनने के लिए कहा गया, तो सभी देवता गहन विचार में पढ़ गए कि आखिर धन का किससे सबसे ज्यादा होता है? किसी ने कहा, घोड़ा या हाथी सबसे बेहतर होगा, क्योंकि इसका संबंध भी ऐश्वर्य से होता है. तब ब्रह्माजी ने आगे आए और कहा कि, धन का स्वामी और उसका उपयोग करने वाला मनुष्य हो सकता है. इसलिए कुबेर जी का वाहन मनुष्य होना चाहिए है. इस तरह कुबेर जी का वाहन एक इंसान का होना धार्मिक कथा के साथ, साथ जुड़ा है. हालांकि कई लोक कथाओं में नेवला और पुष्पक विमान को भी कुबेर की सवारी की सवारी बताया गया है

शास्त्र के अनुसार में धनका सही उपयोग

शास्त्र के अनुसार धन का सही इस्तेमाल धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के रास्ते पर ही करना चाहिए. यदि मनुष्य अपने पैसों का इस्तेमाल गलत करता है और उसे नहीं सभालता है, तो वह धन ही उसके विनाश का कारण बन सकता है.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. India News इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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