Live
Search
Home > धर्म > आज या कल आखिर कब है Govardhan Puja? जल्द नोट कर लें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

आज या कल आखिर कब है Govardhan Puja? जल्द नोट कर लें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Govardhan Puja 2025: काफी लोगों के मन में यह कन्फूजन है कि गोवर्धन पूजा आज है या कल. अगर आप भी इसमें शामिल है तो इस खबर में जान लें पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में.

Written By: shristi S
Last Updated: October 21, 2025 10:58:13 IST

Govardhan Puja Date and Muhurat: दिवाली के बाद भारत में गोवर्धन पूजा का त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. यह पर्व प्रकृति और गौ पालन का प्रतीक है, जिसका आरंभ भगवान कृष्ण ने किया था. इस दिन विशेष रूप से गाय की पूजा की जाती है और समाज के लिए उसका महत्व बताया जाता है. गोवर्धन पूजा की शुरुआत ब्रज क्षेत्र (मथुरा, वृंदावन) से हुई थी और धीरे-धीरे यह पूरे भारतवर्ष में प्रचलित हो गई. यह त्योहार गुजरात और राजस्थान में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है.

क्या है गोवर्धन पूजा का महत्व?

इस दिन मुख्य रूप से गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है. यह पर्वत भगवान कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर उठाकर इंद्रदेव के अहंकार को दूर किया था. इसलिए इसे श्रद्धा और भक्ति के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है. गोवर्धन पूजा को अन्नकूट उत्सव भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान को छप्पन भोग यानी 56 प्रकार के व्यंजन जैसे दाल, चावल, मिठाई, फल और सब्जियां अर्पित की जाती हैं. यह भोग भगवान के प्रति कृतज्ञता और प्रेम का प्रतीक होता है. इस दिन गाय और बछड़ों की भी पूजा की जाती है. उन्हें गुड़ और चारा दें. इससे घर में सुख-समृद्धि आती है और बच्चों का व्यवहार भी सुधारता है. यह पूजा मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक मानी जाती है.

गोवर्धन पूजा की तिथि और मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, गोवर्धन पूजा की प्रतिपदा तिथि 21 अक्टूबर 2025 को शाम 5:54 बजे से शुरू होगी और 22 अक्टूबर को रात 8:16 बजे समाप्त होगी.

द्रिक पंचांग के अनुसार मुख्य मुहूर्त इस प्रकार हैं:

  • पहला मुहूर्त: 22 अक्टूबर को सुबह 6:26 बजे से 8:42 बजे तक
  • दूसरा मुहूर्त: 22 अक्टूबर को दोपहर 3:29 बजे से शाम 5:44 बजे तक

गोवर्धन पूजा की विधि

  1. सुबह जल्दी उठकर घर और आंगन की साफ-सफाई करें.
  2. गाय के गोबर या अनाज से गोवर्धन पर्वत बनाएं.
  3. इसके आसपास बछड़े और ग्वालिन की मूर्तियां रखें.
  4. पूजा में दीपक, फूल, जल और अन्न अर्पित करें.
  5. पूजा के बाद गोवर्धन की परिक्रमा करें.

 भोग और समाज में बांटने की परंपरा

पूजा के बाद भगवान को छप्पन भोग लगाएं और इसे ब्राह्मण, गरीब और परिवार में बांटें. इससे घर में समृद्धि और खुशहाली आती है. साथ ही, इस दिन दीपदान करना भी शुभ माना जाता है, जिससे अंधकार दूर होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

MORE NEWS