होम / इतिहास के वो गुरु जिन्होंने धर्म के लिए त्याग दिया था अपनी पत्नी का साथ, अपने सामने चिनते हुए देखी थी जब उस पिता ने अपने बेटों की लाश?

इतिहास के वो गुरु जिन्होंने धर्म के लिए त्याग दिया था अपनी पत्नी का साथ, अपने सामने चिनते हुए देखी थी जब उस पिता ने अपने बेटों की लाश?

Prachi Jain • LAST UPDATED : November 9, 2024, 4:00 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

इतिहास के वो गुरु जिन्होंने धर्म के लिए त्याग दिया था अपनी पत्नी का साथ, अपने सामने चिनते हुए देखी थी जब उस पिता ने अपने बेटों की लाश?

Guru Gobind Singh: गुरु गोविन्द सिंह जी ने अपने जीवन में बहुत बड़े व्यक्तिगत शोक और दर्द सहन किए। सन् 1703 में, चमकौर के युद्ध में, उन्होंने केवल 40 सिखों की सहायता से मुगलों की विशाल सेना का सामना किया। इस युद्ध में उनके दो बेटे, अजीत सिंह और जुझार सिंह के साथ-साथ पांच प्यारे भी शहीद हो गए।

India News (इंडिया न्यूज), Guru Gobind Singh: गुरु गोविन्द सिंह जी का जीवन एक अद्वितीय वीरता, धार्मिक निष्ठा, और सामाजिक समरसता का प्रतीक है। उनका योगदान न केवल सिख धर्म और समाज के लिए, बल्कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक सुधार के लिए भी अमूल्य है। उनका जीवन एक महा पुरुष का जीवन था, जिसने अपने धर्म, संस्कृति और समाज की रक्षा हेतु न केवल अपने प्राणों की आहुति दी, बल्कि अपने परिवार और वंश की भी बलि दी।

गुरु गोविन्द सिंह जी का महान बलिदान

गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान भारतीय इतिहास का एक अति महत्वपूर्ण अध्याय है। उन्होंने मुगलों के जुल्मों का डटकर विरोध किया और धर्म की रक्षा के लिए अपना शीश तक काटवा दिया। यह बलिदान गुरु गोविन्द सिंह जी के मन में गहरे प्रभाव डालने वाला था। युवा गोविन्द जब अपने पिता के बलिदान की घटना सुनते हैं, तो उनका मन धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित होता है।

गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान के बाद गुरु गोविन्द सिंह जी ने नौ वर्ष की आयु में ही अपने जीवन की दिशा तय की और अपने पिताजी से गुरु गद्दी प्राप्त की। गुरु गोविन्द सिंह जी का यह कार्य धर्म के प्रति उनकी निष्ठा, साहस, और देशभक्ति को प्रदर्शित करता है। उन्होंने भारतीय समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लिए एक नई दिशा दी।

एक सौगात के लिए इस हिंदू राजा ने कबूल लिया था इस्लाम…बेटे को छोड़ भतीजे को सौंप दिया था पूरा राजपाट?

खालसा पंथ की स्थापना

सन् 1699 में, बैसाखी के दिन, गुरु गोविन्द सिंह जी ने आनन्दपुर साहिब में एक ऐतिहासिक सभा बुलाई। इस सभा में उन्होंने अपने अनुयायियों से यह प्रश्न किया कि “क्या कोई है जो धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे सके?” इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए 5 व्यक्ति आगे बढ़े – दयाराम खत्री, धर्मदास जाट, मोहकत चंद धोबी, हिम्मत सिंह रसोइया, और साहब चंद नाई। इन पांच महान व्यक्तियों के साहस ने समाज को एक नई दिशा दी और इस प्रकार गुरु गोविन्द सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की।

खालसा का अर्थ था “शुद्ध” और इस पंथ के अनुयायी वे लोग थे जो काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार जैसे अवगुणों से मुक्त, और धर्म, सत्य, और भलाई के मार्ग पर चलने वाले थे। इसके लिए उन्होंने पाँच ककार धारण करने का आदेश दिया:

  1. कृपाण (तलवार),
  2. केश (बाल),
  3. कंघा,
  4. कच्छा (विशेष प्रकार का वस्त्र),
  5. कड़ा (धातु की चूड़ी)

इस महान ऋषि ने धर्म के लिए त्याग दी थी अपनी पत्नी, मृत्यु के बाद देह के साथ किया था ये काम?

ये पांच ककार खालसा के अनुयायियों को पराक्रमी, शुद्ध, और अनुशासित बनाए रखने के लिए थे। उन्होंने समाज में समानता का संदेश दिया और हर व्यक्ति को एक समान दर्जा दिया।

उनके त्याग और बलिदान की कहानी

गुरु गोविन्द सिंह जी ने अपने जीवन में बहुत बड़े व्यक्तिगत शोक और दर्द सहन किए। सन् 1703 में, चमकौर के युद्ध में, उन्होंने केवल 40 सिखों की सहायता से मुगलों की विशाल सेना का सामना किया। इस युद्ध में उनके दो बेटे, अजीत सिंह और जुझार सिंह के साथ-साथ पांच प्यारे भी शहीद हो गए।

उसके बाद, 1704 में, उनके दो छोटे पुत्र, जोरावर सिंह और फतेह सिंह को सरहिन्द के नवाब वजीर खान ने दीवार में जिंदा चुनवा दिया। यह उनकी अत्यंत कष्टकारी और दुखद घटनाएँ थीं, लेकिन गुरु गोविन्द सिंह जी कभी भी विचलित नहीं हुए। उनके दो बेटे और पत्नी की हत्याओं के बावजूद उन्होंने एक योगी की तरह अपना कर्तव्य निभाया। उनके जीवन का उद्देश्य केवल धर्म की रक्षा और समाज की सेवा था।

गौतम बुद्ध की त्यागी हुई पत्नी और बेटे के साथ क्या हुआ? हालत सुनकर पैरों तले जमीन खिसक जाएगी!

संगीत और साहित्य में योगदान

गुरु गोविन्द सिंह जी न केवल एक महान योद्धा थे, बल्कि एक सिद्ध कवि, साहित्यकार, और संगीतज्ञ भी थे। उनका दरबार 52 कवियों से भरा रहता था, और उन्होंने कई महत्वपूर्ण काव्य रचनाएँ कीं, जिनमें जाप साहेब, अकाल स्तुति, विचित्र नाटक, चंडी चरित्र, जफरनामा, चौबीस अवतार, और ज्ञान प्रबोध जैसी रचनाएँ शामिल हैं। उनके द्वारा रचित दशम ग्रंथ सिख धर्म के शास्त्रों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

गुरु गोविन्द सिंह जी का देहांत

गुरु गोविन्द सिंह जी ने 1708 में नांदेड़ के गोदावरी नदी के तट पर अपने शरीर का त्याग किया। उनका जीवन, उनकी शिक्षा, और उनके कार्य आज भी भारतीय समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने हमेशा अन्याय के खिलाफ लड़ने, सच्चाई की राह पर चलने, और समाज में समानता स्थापित करने की प्रेरणा दी।

वो खूंखार हिंदू राजा जिसने 35 मुस्लिम महिलाओं से की थी शादी, इस्लाम का नाम सुनकर हो जाता था लाल

गुरु गोविन्द सिंह जी का जीवन शौर्य, त्याग, और बलिदान की अद्वितीय गाथा है। उन्होंने न केवल सिख धर्म की नींव को मजबूत किया, बल्कि भारतीय समाज में एकता, समानता, और न्याय के सिद्धांतों को स्थापित करने के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव लाया। उनके योगदान को शब्दों में व्यक्त करना कठिन है, क्योंकि उनका जीवन केवल धर्म और समाज के लिए नहीं, बल्कि मानवता के लिए भी एक अमूल्य धरोहर है।

Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

CM आतिशी ने रोहिणी में नए स्कूल का किया उद्घाटन, वर्ल्ड क्लास शिक्षा देना हमारा मकसद
CM आतिशी ने रोहिणी में नए स्कूल का किया उद्घाटन, वर्ल्ड क्लास शिक्षा देना हमारा मकसद
‘ज़ुल्मी हुक्मरानों ने ला दिया है ऐसे हालातों में…’; शायराना अंदाज में BJP पर अखिलेश यादव ने बोला हमला
‘ज़ुल्मी हुक्मरानों ने ला दिया है ऐसे हालातों में…’; शायराना अंदाज में BJP पर अखिलेश यादव ने बोला हमला
Muzaffarpur Murder: दिनदहाड़े हुई युवक की हत्या! दहला गया इलाका, जानें मामला
Muzaffarpur Murder: दिनदहाड़े हुई युवक की हत्या! दहला गया इलाका, जानें मामला
YouTuber Armaan Malik ने हरिद्वार के यूट्यूबर के घर में घुसकर मचाया बवाल, जमकर की मारपीट, पुलिस ने उठाया ये बड़ा कदम
YouTuber Armaan Malik ने हरिद्वार के यूट्यूबर के घर में घुसकर मचाया बवाल, जमकर की मारपीट, पुलिस ने उठाया ये बड़ा कदम
हिमाचल हाउस के बाद बीकानेर हाउस की होगी कुर्की, कोर्ट ने दिए आदेश ; जानें वजह
हिमाचल हाउस के बाद बीकानेर हाउस की होगी कुर्की, कोर्ट ने दिए आदेश ; जानें वजह
Bihar Teacher Transfer: शिक्षकों के लिए आई खुशखबरी! चाह अनुसार कर सकते हैं ट्रांसफर अप्लाई
Bihar Teacher Transfer: शिक्षकों के लिए आई खुशखबरी! चाह अनुसार कर सकते हैं ट्रांसफर अप्लाई
प्रमाणसागरजी ने किया ऐलान, अनाथ-गरीब बच्चों के लिए खुलेगा निशुल्क इंग्लिश मीडियम स्कूल और छात्रावास
प्रमाणसागरजी ने किया ऐलान, अनाथ-गरीब बच्चों के लिए खुलेगा निशुल्क इंग्लिश मीडियम स्कूल और छात्रावास
250 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रिश्वतखोरी के आरोपों को अडानी समूह ने बताया निराधार
250 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रिश्वतखोरी के आरोपों को अडानी समूह ने बताया निराधार
एक तवायफ के लिए जब इन 2 कट्टर पंडितों ने बदल दिया था अपना धर्म…आशिक बन कबूला था इस्लाम, जानें नाम?
एक तवायफ के लिए जब इन 2 कट्टर पंडितों ने बदल दिया था अपना धर्म…आशिक बन कबूला था इस्लाम, जानें नाम?
गर्लफ्रेंड संग शराब पार्टी.. लिव इन में कपल, कैसे हुई हत्या जहर या शराब?
गर्लफ्रेंड संग शराब पार्टी.. लिव इन में कपल, कैसे हुई हत्या जहर या शराब?
यूपी की इस शाही शादी में हुई नोटों की बारिश, 20 लाख रूपये हवा में उड़े; Viral Video देख चौधियां जाएंगी आंखें
यूपी की इस शाही शादी में हुई नोटों की बारिश, 20 लाख रूपये हवा में उड़े; Viral Video देख चौधियां जाएंगी आंखें
ADVERTISEMENT