India News(इंडिया न्यूज), Hanuman Swaroop: कलयुग में भगवान हनुमान के भक्तों की कमी नहीं है। उनके पूजा आराधना के लिए लाखों करोड़ों लोग त्तपर रहते है और उनकी रोजाना आराधना करते हैं। ऐसे में उनके भक्तों को यह जानने में काफी दिलचस्पी होती है कि हनुमान जी का स्वरूप कैसा था। इसके बारे में गोस्वामी तुलसीदास जी ने अच्छी तरह से समझाया है।
हनुमान जी के स्वरूप के बारे में बताएं तो गोस्वामी तुलसीदास ने हनुमान चालीसा की रचना की है। जिसके अंदर वह कई तरह की चीजों को वर्णन करते हैं। जिसके अंदर उन्होंने हनुमान जी के स्वरूप को भी दिखाया है। वह लिखते हैं कंचन बरन बिराज सुबेसा, कानन कुण्डल कुंचित केसा॥ इसका अर्थ है सुनहले रंग, सुन्दर वस्त्रों, कानों में कुण्डल और घुंघराले बालों से सुशोभित हैं। हाथबज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेऊ साजै॥ इसका अर्थ है आपके हाथ में बज्र और ध्वजा है और कन्धे पर मूंज के जनेऊ की शोभा है।
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हनुमान जी को राम जी का परम भक्त कहां जाता है। जिसके लिए वह पूरे जीवन उनकी सेवा करते रहे और अपने तन मन धन से उनके लिए समर्पित रहें। आज भी कहा जाता है कि हनुमान जी इस संसार में है भगवान राम के लिए भक्ती को फेला रहे है।
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