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Adhik Maas: 12 नहीं 13 महीने का होगा साल 2026! ज्येष्ठ अधिकमास से पड़ेगा हिंदू कैलेंडर पर असर

Adhik Maas In 2026: साल 2026 को लेकर चौकाने वाली बात सामने आई है कि आने वाला यह साल 2026 12 नहीं बल्कि 13 महीने का होने वाला है. जिसमें ज्येष्ठ दो महीने का रहेगा. इसे अधिकमास या पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है.

Written By: Chhaya Sharma
Last Updated: November 18, 2025 17:03:55 IST

Adhik Maas 2026: साल 2025 अब जल्द ही खत्म होने वाला है और 2026 की शुरुआत होने वाली है, वहीं आने वाले इस साल के लेकर एक हैरान कर देने वाली बात सामने आ रही है कि 2026 में 12 नहीं बल्कि 13 महीने का होने वाला है. दरअसल, अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी से नए साल की शुरुआत होती है, लेकिन हिंदू धर्म में विक्रम संवत (Vikram Samvat) कैलेंडर का इस्तेमाल किया जाता है, जो उत्तर भारत में काफी ज्यादा प्रचलित है. इस समय हिंदू कैलेंडर (Hindu Calendar 2026) यानी विक्रम संवत में 2082 वर्ष चल रहा है.

12 नहीं 13 महीने का होगा साल 2026

हिंदू नववर्ष (Hindu Calendar 2026) की शुरूआत चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से मानी जाती है और हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन माह अंतिम महीना माना जाता है. वहीं विक्रम संवत पंचांग के अनुसार आने वाला साल 2026 कई दृष्टि से बेहद खास रहने वाला है. क्योंकि साल 2026 में अधिकमास पड़ रहा है, जो ज्येष्ठ या जेठ मास के रूप में आएगा. ज्योतिष गणना के अनुसार, साल 2026 में एक नहीं बल्कि दो ज्येष्ठ माह पड़ने वाले हैं. क्योंकि 2026 में सामान्य ज्येष्ठ के साथ अधिक ज्येष्ठ माह भी जुड़ जाएगा, जिस वजह से ज्योतिषियों का कहना है कि ज्येष्ठ का महीना 58-59 दिनों का रहने वाला है. इसी वजह से हिंदू पंचांग के मुताबिक साल 2083 में कुल 13 महीने रहने वाले हैं. साल 2026 में अधिकमास 17 मई से शुरू होगा और 15 जून तक रहेगा.  

कैसे पड़ता है अधिकमास? 

ज्योतिष गणना के अनुसार, जब किसी साल में कोई महीना दो बार पड़ता है. तो उसे अधिकमास या फिर पुरुषोत्तम मास (Purushottam Maas) कहा जाता है. अधिकमास चंद्र साल का एक अतिरिक्त भाग है, जो हर 32 माह, 16 दिन और 8 घटी के अंतर में आता. सूर्य वर्ष और चंद्र वर्ष के बीच अंतर का संतुलन बनाए रखने के लिए अधिकमास पड़ता है.

क्यों पड़ता है अधिकमास

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सूर्य वर्ष 365 दिन का होता है और चंद्र वर्ष 354 दिन का, दोनों साल के बीच में 11 दिनों का अंतर होता है और इसी अंतर को बनाए रखने के लिए हर तीन साल में एक बार अधिकमास पड़ता है.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. India News इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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