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जिन हिंदुओं पर जुल्म ढा रहा Bangladesh, उन्हीं की देवी ने खड़ा किया ये देश, जानें कौन हैं वो शक्ति?

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : August 13, 2024, 3:28 pm IST
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जिन हिंदुओं पर जुल्म ढा रहा Bangladesh, उन्हीं की देवी ने खड़ा किया ये देश, जानें कौन हैं वो शक्ति?

India News (इंडिया न्यूज), Dhakeshwari Temple: पीछे कुछ समय से बांग्लादेश में क्या हाहा कार मचा हुआ हैं इस बात से हर एक वाखिफ हैं लेकिन वही दूसरी ओर बांग्लादेश की हिंसा तो मानो रुकने का नाम ही नहीं ले रही हैं। शेख हसीना ने जबसे अपने पद से इस्तीफा दिया हैं तब से लेकर अब तक बांग्लादेश से कई हिंसाकारी वीडियोस सामने आ चुकी हैं जिन्हे देख अच्छे-अच्छे की रूह कांप जाये।

हिन्दुओ के घरो से लेकर उनकी रोज़ की रोजी-रोटी के वयवसाये को वहां के हिंसाकरियों ने तहस-नहस करके डाला हुआ हैं। करियों ने तहस-नहस करके डाला हुआ हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर या यूँ कहे कि एक ऐसी देवी के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके आगे ये हिंसाकारी भी कुछ नहीं आइये जानिये उनके बारे में……

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ढाकेश्वरी मंदिर

ढाकेश्वरी मंदिर, जो बांग्लादेश के ढाका में स्थित है, का नाम माता दुर्गा के रूप ढाकेश्वरी से जुड़ा है। यह मंदिर बांग्लादेश के सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण हिन्दू तीर्थस्थलों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर बांग्लादेश के इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इस देश की स्थापना के समय से ही इसकी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान में योगदान रहा है।

ढाकेश्वरी मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में सेन वंश के राजा बलाल सेन ने करवाया था। इस मंदिर में मां दुर्गा की पूजा होती है और यह स्थान हिन्दू समुदाय के लिए अत्यधिक पवित्र माना जाता है। बांग्लादेश के निर्माण के समय, यहां के हिन्दू समुदाय ने इसी मंदिर को अपनी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान के प्रतीक के रूप में देखा।

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ढाकेश्वरी देवी

इस मंदिर का नाम “ढाकेश्वरी” इसलिए पड़ा क्योंकि यह ढाका शहर में स्थित है और “ईश्वरी” का मतलब है “देवी”। यहां की देवी को बांग्लादेश की संरक्षिका के रूप में पूजा जाता है, और यह माना जाता है कि इस मंदिर में आने वाले भक्तों को देवी मां की कृपा प्राप्त होती है, जिससे उनकी सभी समस्याएं हल होती हैं।

मंदिर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व बांग्लादेश की सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध बनाता है और यहां के लोग देवी ढाकेश्वरी की पूजा करने के लिए दूर-दूर से आते हैं। यह मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है बल्कि बांग्लादेश के हिन्दू समुदाय के लिए एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र भी है।

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