संबंधित खबरें
उत्पन्ना एकादशी के दिन जरूर घर पर लाएं ये 4 शुभ चीजें, कभी नहीं होगी पैसों की कमी, भगवान विष्णु करेंगे हर मनोकामना पूरी
साल 2025 में इन दो राशियों पर शुरू होगी शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती, ये 3 चीजों से रहें सावधान वरना झेल नहीं पाएंगे प्रकोप!
महाभारत के इस योद्धा के प्यार में पड़ राक्षसी ने किया था अपने भाई से बगावत, ऐसा क्या हुआ जो रूप बदल बन गई थी 'देवी'!
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर जो कर लिया इन 3 शक्तिशाली मंत्रो का जाप, 3 महीनों में बेकाबू हो उठेगा कुबेर खजाना!
महाभारत में जब श्री कृष्ण के शंख से हील गया था पूरा ब्रम्हांड! वो राक्ष्स जिसके वजह से यमलोक में मच गया था हड़कंप, जानें क्या है उस शंख का नाम?
इन 3 राशि के जातकों को आज मिलने जा रहा है बुधादित्य योग का बड़ा मुनाफा, होगा इतना लाभ जिससे आप भी होंगे अंजान!
India News (इंडिया न्यूज़), Bhang on Holi: हिंदू धर्म में होली का पर्व विशेष रूप से मनाया जाता है। इसकी धूम न केवल भारत में, बल्कि अन्य देशों में भी देखने को मिलती है। यह पर्व मुख्य रूप से एक-दूसरे को रंग लगाकर मनाया जाता है। इसके साथ ही इस दौरान गुजिया और ठंडाई का सेवन भी किया जाता है। इसी तरह कई लोग होली पर भांग का भी सेवन करते हैं। होली पर भांग पीने के चलन के पीछे एक पौराणिक कथा भी है।
Vastu Tips: घर में पितरों की तस्वीर लगाना सही है या गलत? जाने इससे जुड़े ये जरूरी नियम – India News
पौराणिक कथा के अनुसार, हिरण्यकश्यप जो एक दैत्य था, उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था। यह बात हिरण कश्यप को बिलकुल पसंद नहीं थी। तब प्रह्लाद की भक्ति को समाप्त करने के लिए हिरण्यकश्यप ने कई तरीके आजमाएं और प्रह्लाद पर कई अत्याचार भी किए, लेकिन प्रह्लाद ने अपनी भक्ति जारी रखी।
अंत में हिरण्यकश्यप का वध करने के लिए विष्णु जी ने नरसिंह का रूप धारण किया और हिरण्यकश्यप का वध कर दिया। लेकिन हिरण्यकश्यप को मारने के बाद भी नरसिंह भगवान का गुस्सा शांत नहीं हुआ। तब भगवान शिव ने शरभ अवतार लेकर नरसिंह अवतार से युद्ध कर उन्हें परास्त किया। तब जाकर नरसिंह भगवान का क्रोध शांत हुआ और नरसिंह भगवान ने अपनी छाल भगवान शिव को आसन के तौर पर भेंट की। इस जीत पर शिव भक्तों ने जश्न मनाया और साथ ही भांग का सेवन कर नृत्य किया। माना जाता है कि तभी से होली पर भांग पीने का चलन शुरू हो गया।
एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, जब अमृत की प्राप्ति के लिए देवताओं और दानवों में समुद्र मंथन हुआ था, तब मंथन के दौरान विष की भी उत्पत्ति हुई। तब इस विष के प्रभाव से देवताओं और दानवों में हाहाकार मच गया। तब शिव जी ने इस विष का पान किया और इस संसार को विनाश से बचाया। लेकिन यह विष इतना प्रभावशाली था कि इस विष के कारण शिव जी का कंठ नीला पड़ गया। इस दौरान सभी देवताओं ने विष के प्रभाव को कम करने के लिए एक युक्ति सोची। तब शिव जी पर भांग, धतूरा और जल अर्पित किया गया, क्योंकि भांग की तासीर ठंडी होती है। इससे भगवान शिव को विष की जलन से राहत मिली। तभी से होली पर भांग पीने का चलन शुरू हो गया।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.