Lord Ganesha भगवान गणेश महादेव के पुत्र है। किसी भी शुभ अवसर पर, पूजा पर भगवान गणेश की आराधना करना अनिवार्य माना गया है। किसी यज्ञ में भी भगवान गणेश की प्रथम पूजा की जाती है। भगवान गणेश को हमेशा शुभ फल प्रदान करने वाले देवता माना जाता है। किसी भी देवता की पूजा में गणेश पूजा करना अनिवार्य माना गया है। वहीं शास्त्रों में वर्णन है कि बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में आ रही सभी कष्टों पर विजय प्राप्त किया जा सकता है। आइए जानते है भगवान गणेश की पूजा वुधवार को कैसे करें। प्रात: काल सबसे पहले स्नान आदी करके। लाल पीले वस्त्र धारण करने का विधान पुराणों में बताया गया है। गणेश भगवान की पूजा पुरब दिशा के बजाए उत्तर दिशा में करना चाहिए।

करे इन मंत्रों से भगवान गणेश का ध्यान

विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लंबोदराय सकलाय जगद्धितायं।

नागाननाथ श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते।।

एकदंताय विद्‍महे, वक्रतुंडाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात।।

दुर्वा अर्पित करें

भगवान गणेश को दुर्वा चढ़ाने का विधान शास्त्रों में मिलता है। मन्यता है कि, बिना दुर्वा के भगवान गणेश की पूजा अधुरा माना जाता है। गणेश जी महाराज को दुर्वा सबसे प्यारा होता है।

लाल चंदन अर्पित करें 

भगवान गणेश की पूजा में लाल चंदन का विधान बताया गया है। लाल चंदन गणेश जी को प्रिय होता है।

मोदक पदार्थ का भोग लगाए 

भगवान गणेश जी को मोदक पदार्थ का भोग भी लगाना चाहिए। क्योंकि इनका सबसे प्रिय व्यंजन होता है।

अगर आपके कुंडली में बुध कमजोर है तो आप बुधवार के दिन गणेश भगवान की पूजा अर्चना कर सकते है। इससे बुध ग्रह शांत हो सकते है। पुराणों के अनुसार बुध ग्रह को गणेश जी का भक्त बताया जाता है।

ॐ गं गणपतये नमः का जाप करें

गणेश भगवान की पूजा के समय ॐ गं गणपतये नमः का जाप भी कर सकते है। आपके जीवन में आ रही सभी बाधा भगवान गणेश की आशिर्वाद से ठीक हो जाती है।

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