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(दिल्ली) : इन दिनों बागेश्वर धाम के महंथ धीरेंद्र शास्त्री कई दिनों से सुर्खियों में हैं। बता दें, उन पर अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने अंधविश्वास को बढ़ावा देने के आरोप लगाए थे। अंधविश्वास फ़ैलाने को लेकर समिति ने बाबा पर एफआईआर भी दर्ज कराया था। मालूम हो, इन आरोपों की जांच के बाद नागपुर पुलिस ने बुधवार (25 जनवरी) को बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री को क्लीन चिट दी है। पुलिस ने कहा कि बागेश्वर बाबा के खिलाफ अंधविश्वास फैलाने के कोई सबूत नहीं मिले हैं, नागपुर में कानून का उल्लंघन नहीं हुआ।
नागपुर पुलिस से क्लीन चिट मिलने के बाद बागेश्वर बाबा ने प्रतिक्रिया दी है। बागेश्वर धाम के महाराज ने कहा कि हिंदू राष्ट्र का मतलब राम राज्य है। हिंदू राष्ट्र का मतलब सभी धर्मों का साथ है। उन्होंने यह भी कहा कि सनातन का प्रचार अंधविश्वास नहीं है। मुझे कानून और संविधान पर पूरा भरोसा है और आज उसी की जीत हुई है। हमने कोई अंधविश्वास नहीं फैलाया है।
वहीं बाबा पर आरोप लगाने वाले अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने कहा कि मेरे ज्ञान के आधार पर बाबा के ऊपर दोनों कानून लागू होते हैं। अगर कोई भी व्यक्ति, कोई भी बाबा अगर ये आश्वासन देता है कि आपका भला होगा, शादी हो जाएगी, नौकरी लग जाएगी, बीमारी दूर हो जाएगी, कुछ भी इस तरह का तो ये कानूनन अपराध के श्रेणी में आता है। जिस व्यक्ति को डॉक्टर की डिग्री प्राप्त न हो, उपलब्ध न हो वो अगर किसी का डायग्नोसिस करता है या फिर आश्वासन भी देता है तो वो भी कानूनन गलत है।
बता दें, महाराष्ट्र में अन्धविश्वास पर सख्त कानून 2013 से लागू है। अन्धविश्वास पर महाराष्ट्र का कानून जादू-टोना, काला जादू, मानव बलि और बीमारियों के इलाज के लिए तंत्र-मंत्र या लोगों के अंधविश्वास का फायदा उठाने के लिए काम करने वाले को सजा देता है। इस कानून के तहत 6 महीने से लेकर 7 साल तक की सजा हो सकती है।
साथ ही 50 हजार रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
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