India News (इंडिया न्यूज), Hanuman Ji Saved Shri Ram: भगवान श्रीराम और हनुमान जी की कथा में अनगिनत ऐसे प्रसंग हैं जो उनकी आपसी निष्ठा और प्रेम को दर्शाते हैं। श्रीराम के परम भक्त हनुमान ने हमेशा ही भगवान की सेवा में अपने आप को समर्पित किया। लेकिन एक कथा है, जिसमें ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी की एक भूल के कारण भगवान श्रीराम को धरती छोड़नी पड़ी।
यह घटना उत्तरकांड की एक प्रसिद्ध कथा से जुड़ी हुई है, जो रामायण के अंतिम भाग में आती है। इसके अनुसार, भगवान श्रीराम ने जब अपना जीवन काल पूर्ण कर लिया और धरती से अपना विदा लेने का समय आ गया, तो उन्होंने अपनी सभी सेवकों और साथियों को विदाई दी। हनुमान जी को यह मालूम नहीं था कि भगवान श्रीराम पृथ्वी को छोड़कर जा रहे हैं।
भगवान राम के वो अभागे भक्त जिनका नाम अपने बच्चो को नही देते लोग?
कथा के अनुसार, जब श्रीराम धरती छोड़ने का निश्चय करते हैं, तो वे काल को अपने पास बुलाते हैं और उनसे अपने प्रस्थान की चर्चा करते हैं। लेकिन वे हनुमान जी को यह जानकारी नहीं देना चाहते थे क्योंकि हनुमान जी उन्हें रोकने का प्रयास कर सकते थे। भगवान श्रीराम ने लक्ष्मण को आदेश दिया कि वे किसी को भी उनके पास न आने दें जब तक कि उनका काल के साथ वार्तालाप पूरा न हो जाए।
लेकिन उसी समय, हनुमान जी को श्रीराम की बातचीत का आभास हो गया। उन्हें संदेह हुआ कि कोई महत्वपूर्ण वार्तालाप हो रहा है, और वे अंदर जाने का प्रयास करने लगे। लक्ष्मण ने हनुमान जी को रोका, क्योंकि उन्हें भगवान का आदेश मिला था। हनुमान जी को लगा कि कुछ गंभीर बात हो रही है, जिसे जानना आवश्यक है, और इसलिए उन्होंने भीतर जाने का प्रयास किया। इस घटना को कई लोग हनुमान जी की “भूल” मानते हैं क्योंकि उन्होंने भगवान के निर्देशों का पालन नहीं किया और इस प्रकार श्रीराम का प्रस्थान रोक नहीं सके।
महाभारत काल में इस विशेष योजना से रखा जाता था व्रत…इस तरह होती थी फिर मनोकामना पूर्ण?
इस घटना के बाद, श्रीराम ने धरती से विदाई ली और अपने दिव्य धाम चले गए। कहा जाता है कि यदि हनुमान जी ने भीतर जाने का प्रयास न किया होता, तो संभवतः श्रीराम थोड़ी और देर धरती पर रहते। हनुमान जी अपने प्रभु के जाने से दुखी हो गए, लेकिन भगवान श्रीराम ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि वे धरती पर हमेशा रामकथा का गुणगान करते रहेंगे और उनका नाम युगों-युगों तक अमर रहेगा।
इस कथा से यह स्पष्ट होता है कि हनुमान जी की भूल कोई सामान्य भूल नहीं थी। यह उनकी असीम भक्ति और अपने प्रभु से अलग न होने की भावना का परिणाम थी। वे श्रीराम के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते थे, और इसी प्रेम के कारण उन्होंने जाने-अनजाने में भगवान के निर्देशों का पालन नहीं किया।
सुंदरता का दूसरा नाम थी ताड़का…फिर ऐसा क्या हुआ जो इस ऋषि के श्राप ने छीन लिया पूरा निखार?
यह कथा हनुमान जी की निष्ठा, प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। हनुमान जी की भूल एक तरह से उनकी प्रभु के प्रति उनकी अटूट भक्ति को दर्शाती है। हालांकि श्रीराम को अंततः धरती छोड़नी पड़ी, लेकिन उन्होंने हनुमान जी को यह आशीर्वाद दिया कि वे हमेशा इस संसार में रहेंगे और लोगों को धर्म, भक्ति और सेवा का मार्ग दिखाएंगे।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Pushpa 2 The Rule Trailer: ‘पुष्पा 2: द रूल’ के निर्माताओं ने रविवार (17 नवंबर,…
India News Delhi (इंडिया न्यूज),Delhi Pollution: राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच GRAP-4 प्रतिबंध…
PKL-11: दबंग दिल्ली केसी ने नोएडा इंडोर स्टेडियम में शनिवार को खेले गए प्रो कबड्डी…
India News Delhi (इंडिया न्यूज),Delhi-NCR GRAP-4 Implemented: देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर गैस…
Jharkhand BJP: झारखंड भाजपा को एक सोशल मीडिया पोस्ट हटाने के लिए कहा गया है,…
India News (इंडिया न्यूज),Cm yogi: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र में चौथे…