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(इंडिया न्यूज़): वास्तु हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है। यही वजह है कि लोग घर से लेकर करियर तक में वास्तु शास्त्र की मदद लेते हैं। घर निर्माण और बिजनेस में वास्तु का खास ध्यान रखना चाहिए। वास्तु लोगों के लिए खुशहाली, समृद्धि और अच्छे दिनों का द्वार खोलता है। वास्तु शास्त्र में आज हम बात करेंगे होटल के मुख्य प्रवेश द्वार के बारे में। आचार्य इंदु प्रकाश बता रहे हैं कि होटल का मुख्य द्वार किस दिशा में रहना शुभ होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, होटल में मुख्य द्वार के निर्माण के लिए ईशान कोण, यानि उत्तर पूर्व दिशा का कोना सबसे अच्छा माना जाता है। लेकिन अगर इस दिशा में निर्माण करवाने में कोई अड़चन आ जाए तो आप उत्तर दिशा या पूर्व दिशा का चुनाव भी कर सकते हैं। इसके अलावा भूखंड के आधार पर भी मुख्य द्वार के लिए दिशा का चुनाव किया जाता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, यदि भूखंड उत्तर मुखी या पूर्व मुखी है तो मुख्य द्वार का निर्माण ईशान कोण में करवाना ठीक रहता है। वहीं अगर भूखंड दक्षिण मुखी है तो मुख्य द्वार आग्नेय कोण, यानि दक्षिण-पूर्व में बनवाना चाहिए। इसके अलावा यदि भूखंड पश्चिम मुखी है तो मुख्य द्वार के लिए वायव्य कोण, यानि उत्तर-पश्चिम दिशा उत्तम रहती है।
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