होम / अनंत चतुर्दशी पर सिर्फ एक काम किया तो पलट जाएगी जिंदगी, दुम दबाकर भागेंगी परेशानियां, जानें पूरी विधि

अनंत चतुर्दशी पर सिर्फ एक काम किया तो पलट जाएगी जिंदगी, दुम दबाकर भागेंगी परेशानियां, जानें पूरी विधि

Pankaj Namdev • LAST UPDATED : September 17, 2024, 11:40 am IST

Anant Chaturdashi 2024: हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चुतर्दशी तिथि पर अनंत चतुदर्शी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान हरि (Vishnu Ji) की पूजा की जाती है।

India News (इंडिया न्यूज), Anant Chaturdashi 2024: भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और यहां हर धर्म-जाति, सुमदाय में अलग-अलग मान्यताओं और इतिहास के अनुसार अनगिनत त्यौहार मनाएं जाते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चुतर्दशी तिथि पर अनंत चतुदर्शी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान हरि (Vishnu Ji) की पूजा की जाती है। पंचांग के अनुसार आज 17 सितंबर 2024 को अनंत चतुर्दशी का पर्व पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है।

बाजू पर बांधा जाता है रक्षासूत्र

भारत में कई जगहों पर अनंत चतुर्दशी के दिन बाजू पर अनंत रक्षासूत्र बांधा जाता है। सबसे खास बात यह है कि इस रक्षासूत्र में कुल 14 गांठें लगाई जाती हैं। इसे अनंत डोर भी कहा जाता है और इसका विशेष महत्व माना जाता है। इसके अलावा 10 दिन की पूजा के बाद गणेश विसर्जन भी इसी दिन किया जाता है, हालांकि अपनी-अपनी श्रद्धा अनुसार लोग दसवें दिन से पहले भी विजर्सन कर देते हैं।

21 साल की लड़की को घर बुलाता था ये फिल्म जगत का मशहूर शख्स, फिर करता था ये काम..सूनकर खौल जाएगा खून

क्या है रक्षासूत्र का महत्व

पौराणिक कथा के अनुसार हिदू धर्म में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व है। इस दिन बाजू पर 14 गांठों वाला रक्षासूत्र बांधा जाता है। यह सूत्र सूती या रेशमी धागे से बना होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि है 14 गांठ वाले इस पवित्र धागे को बाजू में प्रसाद स्वरूप बांधने पर जीवन में किसी प्रकार का डर या फिर संकट आने का भय नहीं रह जाता है। अनंत डोर यानी रक्षा सूत्र में बंधी 14 गांठें अलग-अलग लोकों का प्रतीक मानी जाती हैं। कहा जाता है कि जो व्यक्ति 14 सालों तक अनंत चुतर्दशी का व्रत करता है वही 14 गांठो वाला धागा बांधता है, उस पर श्री हरि की कृपा हमेशा बनी रहती है।

कथा के अनुसार, जब पांडव अपना सारा राजपाट जुए में गवाकर जंगल में भटक रहे थे, तब भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों को अनंत चतुर्दशी का व्रत करने की सलाह दी। तब धर्मराज युधिष्ठिर ने अपने भाइयों और द्रौपदी सहित इस व्रत को किया और अंत में अनंत रक्षा सूत्र धारण किया। अनंत चतुर्दशी व्रत के प्रताप से पांडवों को अपना खोया राजपाठ मिल गया था, पांडव सभी कष्टों से मुक्त हो गए।

पितृ पक्ष के पहले ही दिन क्यों किया जाता हैं अगस्त्य मुनि का तर्पण? श्राद्ध के पहले ही जान ले ये बेहद जरुरी बात!

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

1986 में जब सड़कों पर उतर गया था पूरा बॉलीवुड, हड़ताल का कर दिया था ऐलान, देखें वीडियो
‘तिरुपति के लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी… ‘, CM चंद्रबाबू पर आंध्र सरकार ने इस रिपोर्ट के आधार पर लगाए आरोप
उत्तर प्रदेश का ये गाँव कहलाता है ‘UPSC’ की फैक्ट्री, हर घर से निकलते है IAS और IPS, जानें दिलचस्प कहानी
Prashant Kishor: शराबबंदी खत्म होने चाहिए या नहीं? प्रशांत किशोर ने कराया सर्वे; रिजल्ट हैरान करने वाला है
MP News: सागर के महुआखेड़ा गांव में उल्टी-दस्त का प्रकोप, स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची गांव
आखिर क्यों 100 साल से इस गांव का एक भी व्यक्ति नहीं करता श्राद्ध पूजा? पितृ पक्ष में ब्राह्मण का प्रवेश तक है वर्जित!
वो मुगल शहजादा जिसके साथ रहता था भूतों का पूरा परिवार, खुद पिशाच करते थे नौकरों की तरह सेवा!
ADVERTISEMENT