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हिंदु धर्म में माथे पर तिलक लगाने के क्या हैं महत्व? जान लें इन उंगलियों का इस्तेमाल चमका देगा भाग्य!

Preeti Pandey • LAST UPDATED : October 26, 2024, 9:54 am IST
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हिंदु धर्म में माथे पर तिलक लगाने के क्या हैं महत्व? जान लें इन उंगलियों का इस्तेमाल चमका देगा भाग्य!

Rules for applying Tilak हिंदु धर्म में माथे पर तिलक लगाने के क्या हैं महत्व?

India News (इंडिया न्यूज), Rules for applying Tilak: हिंदू धर्म में किसी भी पूजा-पाठ के दौरान माथे पर तिलक लगाया जाता है। यह तिलक कुमकुम, हल्दी या फिर चावल का भी हो सकता है। सनातन धर्म में तिलक लगाने का अपना विशेष महत्व है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि तिलक लगाना जितना खास माना जाता है, उतना ही यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि तिलक लगाने के लिए किस उंगली का इस्तेमाल किया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार तिलक लगाने के लिए अनामिका, तर्जनी और मध्यमा के अलावा अंगूठे का भी इस्तेमाल किया जाता है।

इसमें उंगली और अंगूठे का इस्तेमाल अलग-अलग अवसरों के हिसाब से किया जाता है। वैासे तो तिलक लगाने की परंपरा बहुत पुरानी है। लेकिन तिलक लगाने के लिए उंगलियों का इस्तेमाल किया जाता है। यह देखा जाता है कि कौन सी उंगली किस देवता से संबंधित है। इतना ही नहीं, इसका संबंध मन और मस्तिष्क से भी होता है।

अंगूठे से तिलक लगाने का क्या है अर्थ

शक्ति, सफलता और विजय का आशीर्वाद पाने के लिए अंगूठे से तिलक लगाना अच्छा माना जाता है। यह अंगूठा शक्ति और इच्छाशक्ति का प्रतीक है। किसी भी महत्वपूर्ण कार्य पर जाने से पहले माथे पर अंगूठे से तिलक लगाया जाता है।

तर्जनी उंगली का अर्थ

किसी भी जीवित व्यक्ति को तिलक लगाने के लिए तर्जनी अंगुली का इस्तेमाल कभी नहीं करना चाहिए। इस अंगुली का इस्तेमाल केवल मृतक को श्रद्धांजलि देते समय ही किया जा सकता है। इसका कारण यह है कि तर्जनी अंगुली मोक्ष से संबंधित है। इसका इस्तेमाल विशेष रूप से तर्पण विधि या मृत्यु संस्कार में किया जाता है। इसलिए खुद को या किसी और को तिलक लगाते समय तर्जनी अंगुली का इस्तेमाल कभी नहीं करना चाहिए।

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मध्यमा अंगुली का अर्थ

मध्यमा अंगुली सभी नौ ग्रहों में शनि का प्रतिनिधित्व करती है। इस अंगुली से तिलक लगाने से व्यक्ति को जीवन में स्वास्थ्य, धन और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। घर के बड़े-बुजुर्ग आमतौर पर मध्यमा अंगुली से बच्चों को तिलक लगाते हैं और उनकी लंबी उम्र और सुरक्षा की कामना करते हैं।

अनामिका अंगुली का अर्थ

अनामिका अंगुली भक्ति और प्रतिबद्धता से संबंधित है। इसलिए इसका इस्तेमाल मंदिरों से लेकर खाने-पीने तक हर चीज में किया जाता है। अनामिका अंगुली से तिलक लगाने से व्यक्ति की शांति, मानसिक स्थिरता, बुद्धि में सुधार होता है। यह बौद्धिक सफलता प्रदान करती है। इसका कारण यह है कि अनामिका अंगुली सूर्य देव का प्रतिनिधित्व करती है। यह अंगुली माथे पर स्थित आज्ञा चक्र को जागृत करती है। यही कारण है कि माथे पर तिलक या कुमकुम लगाने के लिए अनामिका उंगली का उपयोग करना अच्छा होता है।

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डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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