होम / कलियुग में इस जगह रखा हुआ है महाभारत काल का सबसे शक्तिशाली हथियार, सिर्फ ये योद्धा कर सकता है इस्तेमाल

कलियुग में इस जगह रखा हुआ है महाभारत काल का सबसे शक्तिशाली हथियार, सिर्फ ये योद्धा कर सकता है इस्तेमाल

Nishika Shrivastava • LAST UPDATED : September 16, 2024, 7:28 pm IST

Where is Arjun Gandiva Bow

India News (इंडिया न्यूज़), Where is Arjun Gandiva Bow: महाभारत के युद्ध में अर्जुन ने अपने दिव्य गांडीव धनुष और अक्षय तरकश के प्रयोग से अनेक महारथियों का वध किया था। अर्जुन और कर्ण के बीच हुए युद्ध में, गांडीव धनुष ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

अक्षय तरकश

अर्जुन के पास अक्षय तरकश भी था, जिसकी विशेषता थी कि उसमें रखें तीर सदैव अक्षय रहते थे, यानी कि ये तरकश हमेशा तीरों से भरा रहता था। इसके तीर कभी भी खत्म नहीं होते थे।

धनुष की विशेषताएं

गांडीव धनुष, अत्यंत शक्तिशाली और अलौकिक था। जो भी व्यक्ति इसको धारण करता था, वह अत्यंत शक्तिशाली हो जाता था, जिससे वह युद्ध में अजेय हो जाता था। कोई भी अस्त्र शस्त्र इस धनुष को नष्ट नहीं कर सकता था।

Surya Rashi Parivartan 2024: 16 सितंबर को पलट जाएगी इन 3 राशियों की किस्मत, जिंदगी में होगी इन चीजों की बरसात – India News

गांडीव धनुष का निर्माण

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ब्रह्मा जी ने कण्व ऋषि की मूर्धा पर उगे बांस काटकर भगवान विश्वकर्मा को दिए, इनसे विश्वकर्मा ने 3 धनुष का निर्माण किया, जिनमें से एक गांडीव भी था।

प्रार्थना कर अर्जुन को मिला गांडीव धनुष

कथाओं के अनुसार, इन धनुष को ब्रह्माजी ने भगवान शिव को और भगवान शिव ने देवराज इंद्र को, इंद्र ने इसे वरुण देव को सौंपा। वरुण देव से प्रार्थना कर अर्जुन ने इस धनुष को प्राप्त किया था।

कठोर तपस्या का फल

अन्य मान्यताओं के अनुसार, अर्जुन की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें गांडीव धनुष प्रदान किया था।

गांडीव धनुष और अक्षय तरकश का त्याग

महाभारत युद्ध के बाद, अर्जुन ने अपने गांडीव धनुष और अन्य अस्त्र-शस्त्रों को त्याग दिया था। ऐसा उन्होंने हिंसा का त्याग करने और शांतिपूर्ण जीवन जीने के संकल्प के तहत किया था। कुछ मान्यताओं के अनुसार, गांडीव धनुष आज भी समुद्र में कहीं छिपा हुआ है।

Budh Gochar 2024: बुध गोचर ने सिंह राशि में किया प्रवेश, सभी 12 राशियों पर पड़ा इसका ये असर, जानें उपाय – India News

इस जगह छुपाया है गांडीव धनुष

अन्य मान्यताओं के अनुसार, कहा जाता है कि उत्तराखंड के चंपावत जिले में ब्यानधुरा मंदिर है। ब्यानधुरा क्षेत्र में मौजूद यह मंदिर जंगल के बीचों-बीच में पहाड़ी की चोटी पर है। ब्यानधुरा मंदिर ऐड़ी देवता का है, इसे शिव के 108 ज्योर्तिलिंगों में से एक माना जाता है। धनुष युद्ध विद्या में निपुण राजा ऐड़ी को महाभारत के अर्जुन का अवतार माना जाता है।

राजा ऐड़ी ने इस स्थान पर तपस्या की थी और देव्तत्व को प्राप्त किया था। इस क्षेत्र को पांडवो ने अपना निवास स्थल बनाया था। अर्जुन ने अपने गांडीव धनुष को इसी स्थान पर किसी एक चोटी के पत्थर के नीचे छिपाया था। कहा जाता है कि अर्जुन का गांडीव धनुष आज भी इस क्षेत्र में मौजूद है।

 

 

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

19 सितंबर को सस्ता हुआ Petrol-Diesel के दाम? जानें कच्चे तेल का हाल
इजरायली रक्षा मंत्री के इस बयान ने मिडिल ईस्ट में मचाया बवाल, जानिए उसने ऐसा क्या कहा जिससे थर-थर कांपेगा हिजबुल्लाह और हमास?
Aaj Ka Panchang: आज आश्विन कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि, जानिए राहुकाल और शुभ मुहूर्त
पराठे की पहले की पिटाई फिर ग्राहक को परोसा, Video को देख लोगों का भी कर दिया खाने का मन
नीतीश सरकार ने दादा-परदादा की ज़मीन पर लागू किया ये नया नियम, जानिए क्या है ये 5 मुख्य प्रावधान
क्या है वात्सल्य योजना? इसमे कैसे मिलेगी बच्चों को पेंशन, जानिए निर्मला सीतारमण का पूरा प्लान
मोदी सरकार क्यों लाना चाहती है ‘One Nation One Election’ कानून? एक साथ चुनाव में क्या हैं चुनौतियां
ADVERTISEMENT